नशा तस्करी को रोकने के लिए उत्तर भारत के सात राज्य व केंद्रशासित प्रदेश मिलकर करेंगे काम…

उत्तरी राज्यों में युवा पीढ़ी नशे के दलदल में धंस रही है। खासतौर से पंजाब में स्थिति भयावह है। नशा तस्करी को रोकने के लिए उत्तर भारत के सात राज्य व केंद्रशासित प्रदेश मिलकर काम करेंगे।हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की पहल पर 26 जून को इन राज्यों के पुलिस प्रमुख एक मंच पर आकर मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी रणनीति तैयार करेंंगे।

उल्लेखनीय है कि 26 जून का दिवस मादक पदार्थोें के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) मनोज यादव ने बताया कि 26 जून को चंडीगढ़ में उत्तरी राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की होने वाली समन्वय बैठक में मादक पदार्थों के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी की चुनौतियों पर चर्चा कर उस पर अंकुश लगाने के लिए कारगर रणनीति तैयार की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। वह समापन सत्र के दौरान प्रतिभागियों को संबोधित करेंगे। मुख्य सचिव डीएस ढेसी, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह डॉ. एसएस प्रसाद और नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली के अधिकारी भी उपस्थित रहेंंगे। बैठक में पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और केंद्रशासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख भाग लेंगे।

इससे पहले भी मुख्यमंत्री की पहल पर, नशाखोरी से प्रभावी ढंग से निपटने व अंकुश लगाने के लिए उत्तरी राज्यों के मुख्यमंत्रियों व अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक 20 अगस्त, 2018 को आयोजित की जा चुकी है। हरियाणा पुलिस महानिदेशक द्वारा अपने समकक्ष अधिकारियाे के साथ तैयार किए गए एजेंंडेे का जिक्र करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने कहा कि बैठक के आयोजन का मुख्य उद्देश्य उत्तरी क्षेत्र में सक्रिय संगठित गिरोह और तस्करी नेटवर्क की गतिविधियों से निपटने के लिए क्षेत्र के पुलिस बलों के बीच आवश्यक तालमेल कर आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाना है।

उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों के साथ चर्चा और साझा किए जाने वाले अन्य प्रमुख विषयों में उत्तरी क्षेत्र में समग्र नशा परिदृश्य का अवलोकन, खुफिया जानकारी का साझाकरण, ड्रग तस्करों का अंतर-राज्य डाटा बेस तैयार करना और एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों का प्रभावी प्रवर्तन शामिल है। विर्क ने कहा कि इंटर-स्टेट ड्रग सेक्रेट्रिएट के कामकाज की समीक्षा के अतिरिक्त, पड़ोसी राज्यों द्वारा मादक पदार्थ की रोकथाम के लिए किए जा रहे सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर भी चर्चा की जाएगी।

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