नवाज शरीफ को नहीं मिली राहत, अपील सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की भ्रष्टाचार के मामले में मिली सजा को चिकित्सकीय आधार पर निलंबित करने की अपील पर अपना फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया.

लाहौर की जेल में सजा काट रहे हैं शरीफ
69 वर्षीय शरीफ को एक जवाबदेही अदालत ने अल अजीजिया मामले में दोषी ठहराया है और वह लाहौर की कोटलखपत जेल में सात साल की सजा काट रहे हैं. हृदय से जुड़ी समस्याएं बढ़ने के बाद, अपने वकील ख्वाजा हैरिस के माध्यम से शरीफ ने पिछले माह एक आवेदन दे कर स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते जमानत की मांग की थी.

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अमीर फारूक और न्यायमूर्ति मोहसिन अख्तर कयानी की पीठ ने शरीफ की अपील पर सुनवाई की. हैरिस ने शरीफ की मेडिकल रिपोर्ट्स पेश करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए.

दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया और यह नहीं बताया कि वह किस तारीख को इस फैसले का ऐलान करेगी. शरीफ को जेल से पिछले सप्ताह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

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