नवरात्र में आज इस विधि से करें पूजन मां कालरात्रि होंगी आपसे प्रसन्न

आज नवरात्र की सप्तमी तिथि है। इस दिन मां कालरात्रि की उपासना करने से जीवन में चल रही सभी बाधाएं नष्ट होती हैं विशेषकर ऊपरी बाधाएं। गंभीर से गंभीर तंत्र-मंत्र की काट इस दिन पाई जा सकती है। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के जैसे गोल हैं। इनसे बिजली के समान चमकीली किरणें निकलती हैं। मां की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ (गधा) है। ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभय मुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है।नवरात्र में आज इस विधि से करें पूजन मां कालरात्रि होंगी आपसे प्रसन्न

मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में बहुत भयानक है लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम ‘शुभंकारी’ भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा डरने की आवश्यकता नहीं है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं।

असाध्य रोगों से मुक्त होकर, जीवन में खुशियों को निमंत्रण देने के लिए आज ही दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि का मंत्र जप और लौंग कपूर काली मिर्च, राई से हवन करें, मंत्र है –
जय त्वं देवि चामुंडे जय भूतार्तिहारिणी |
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तुते ||

मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है, दुश्मनों का नाश होता है व तेज बढ़ता है। इस दिन ॐ कालरात्र्यै नमः मन्त्र का जप करने के बाद कर्पूर से आरती करनी चाहिए l

प्रोफेशन में सफलता और प्रमोशन के लिए देवी कालरात्रि को उड़द से बने पुए का भोग लगाएं।

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