नवंबर-जनवरी में भारत आ सकते हैं ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर या जनवरी के शुरुआती हफ्तों में भारत की यात्रा कर सकते हैं। उनकी इस यात्रा के लिए अमेरिकी और भारत के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है। जल्द ही उनके यात्रा की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है।

इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उनकी इस यात्रा के दौरान व्यापार और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच चल रहे गतिरोध पर चर्चा हो सकती है। ट्रंप के यात्रा से संबंधित चर्चा अभी प्रारंभिक चरण पर है। इससे पहले रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे।

ट्रंप की इस यात्रा के संकेत अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी दिया था। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा था कि जल्द ही राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी एक बैठक करेंगे जिसमें व्यापार और रक्षा के क्षेत्र के विवादित मुद्दों को हल करने का प्रयास किया जाएगा।

बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच रूसी एस-400 मिसाइल, व्यापार टैरिफ, ईरानी तेल निर्यात जैसे मुद्दों पर विवाद है। जिसे लेकर दोनों देश कई बार बैठक भी कर चुके हैं।

‘जीएसपी’ सूची से भारत को बाहर करने पर विवाद

जून में अमेरिका ने भारत को विशेष तरजीह वाले देशों की सूची से बाहर कर दिया था। तब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि उन्हें भारत से ये आश्वासन नहीं मिल पाया कि वह अपने बाजार में अमेरिकी उत्पादों को बराबर की छूट देगा। उनका कहना था कि भारत में पाबंदियों की वजह से उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा था। जिसके जवाब में भारत ने 16 जून से बादाम, अखरोट और दाल सहित 29 अमेरिकी उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था।

भारत को नाटो देश जैसा दर्जा दे चुका है यूएस

इससे पहले अमेरिका भारत को नाटो देश जैसा दर्जा दे चुका है। अमेरिका का यह प्रस्ताव उसके खुद के फायदे के लिए है। इससे वह भारत को वे सभी हथियार और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर सकेगा, जिन्हें सिर्फ नाटो देशों को ही सप्लाई किया जा सकता है। लिहाजा यह एकतरफा प्रस्ताव है जो भारत के साथ होने वाली हथियारों की खरीद-फरोख्त को आसान बनाएगा। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नाटो देशों का दर्जा पाने के बाद भारत पर क्या शर्तें आएंगी। पर यह तय है कि भारत उनसे नहीं बंधेगा।

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