धोनी के नाम ये बड़े रिकॉर्ड, जो उन्हें बनाते हैं सबसे महान खिलाड़ी

टीम इंडिया के विश्व कप विजेता कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने वनडे और टी-20 टीमों की कप्तानी छोडऩे का फैसला किया हैं। हालांकि वे अभी इन दोनों फार्मेट में खेलते रहेंगे। इस समय हम उनके ऐसे रिकॉर्ड के बारे में बता रहे हैं, जो उन्हें विश्व के महान क्रिकेटरों में शामिल करवाते हैं।?धोनी ने ना केवल कप्तानी में बल्कि बल्लेबाजी में भी टीम इंडिया के लिए कमाल के रिकॉर्ड बनाए हैं। टीम को कई बार हारते हारते बचाया है। उनके कप्तानी छोड़ने के इस निर्णय के खास मौके पर जानें उनकी ऐसी उपलब्धियां जिससे भारतीय क्रिकेट को गौरवान्वित होने का मौका मिला। साथ ही उनके ये रिकॉर्ड्स हर भारतीय क्रिकेटर को लगातार आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहेंगे!

धोनी ने 31 अक्टूबर 2015 को जयपुर में श्रीलंका के खिलाफ वन डे में नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 183 रन बनाए थे। यह किसी भी विकेटकीपर बल्लेबाज द्वारा बनाया गया सबसे बड़ा स्कोर है।

एक कप्तान द्वारा सबसे ज्यादा टी-20 मैच जीतने का रिकॉर्ड भी धोनी के ही नाम है।

वनडे में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी महेंद्र सिंह के खाते में दर्ज है। उन्होंने 2004 से लेकर 2016 तक 283 वनडे मैचों में 197 छक्के लगाए हैं।

283 मैचों में धोनी ने 9 शतक लगाए हैं। नंबर 7 पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 2 शतक लगाए हैं, जो इस नंबर पर खेलने वाले खिलाड़ी द्वारा सबसे ज्यादा है।

कुल 439 इंटरनैशनल मैचों में उन्होंने 152 बल्लेबाजों को स्टंप आउट किया है। अब तक कुल 3 ही एेसे विकेटकीपर हैं जिन्होंने 100 से ज्यादा खिलाड़ियों को स्टंप आउट किया है।

73 टी-20 मैचों में धोनी ने कुल 1112 रन बनाए हैं, जो टी-20 में किसी भी कप्तान द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। 

धोनी ने विकेटकीपर रहते हुए 132 गेंदें डालीं और 1 विकेट भी लिया।

धोनी विश्व के दूसरे एेसे कप्तान हैं, जिनकी अगुआई में देश ने 100 से ज्यादा बार वन डे में जीत हासिल की है। अक्टूबर 2016 तक भारत उनकी कप्तानी में 108 वनडे जीत चुका है।

धोनी इकलौते एेसे भारतीय विकेटकीपर हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में डबल सेंचुरी बनाई है।

धोनी विश्व के इकलौते कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी-टी-20 वर्ल्ड कप, 2011 आईसीसी वर्ल्ड कप, और 2013 में चैम्पियंस ट्रॉफी जीती हैं।

जबसे धोनी ने कप्तानी संभाली थी, उससे लेकर अगले 11 टेस्ट मैच तक भारत कोई टेस्ट नहीं हारा था।

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