22 वर्षीय पंत तब मैदान पर उतरे थे, जब रोहित शर्मा का विकेट गिरने के बाद भारत का स्कोर 19वें ओवर में 3 विकेट पर 80 रन था। फिर पंत और श्रेयस अय्यर ने मिलकर भारत को मजबूती देते हुए चौथे विकेट के लिए 114 रन की शतकीय साझेदारी जोड़ी। एक धीमी पिच पर, जहां स्ट्रोक-मेकिंग आसान नहीं थी, वहां दिल्ली के इस विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 69 गेंदों पर 71 रनों की पारी खेली।
ऋषभ पंत के लिए यह इसलिए भी खास रहा क्योंकि यह उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय वन-डे हाफ सेंचुरी थी। पंत ने अपनी इस पारी में 7 चौके और 1 छक्का जड़ा। इससे पहले उन्होंने 12 वनडे खेले थे और उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 48 रन था। दबाव में बल्लेबाजी को उतरे पंत ने जब अपने ही अंदाज में हेलिकॉप्टर शॉट लगाया तो स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने ‘पंत.. पंत.. पंत’ के नारे शुरू कर दिए।
ऋषभ पंत जब आउट होकर पवेलियन की ओर लौट रहे थे, तब भी ऋषभ के लिए वहां मौजूद दर्शकों ने तालियां बजाईं। चेपॉक में अपने नाम की गूंज के बाद ऋषभ पंत ने कहा कि, ‘मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा हूं कि प्रदर्शन में सुधार हो सके। मैं सीख रहा हूं. टीम की जीत के लिए मैं जो कुछ कर सकता हूं, उस पर फोकस करूंगा। आखिर में मैने रन बनाए।’
अक्सर अपना विकेट गैर जिम्मेदाराना तरीके से गंवा देने के आरोप झेलने वाले ऋषभ पंत ने कहा कि उन्हें अब समझ में आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘स्वाभाविक खेल’ दिखाने जैसा कुछ नहीं होता और हालात के अनुरूप खेलना अहम होता है। मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा, ‘मैं इतना समझ गया हूं कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में स्वाभाविक खेल जैसा कुछ नहीं। इसमें टीम की जरूरत या हालात के अनुरूप खेलना होता है।
भारत ने अय्यर (70) और पंत (71) के अर्धशतकों की बदौलत 8 विकेट पर 287 रन बनाए, जिसके बाद वेस्ट इंडीज ने हेटमायर (139) और शाई होप (102) के शतकों के दम पर 2 विकेट पर 291 रन बनाकर मैच जीत लिया। हेटमायर मैन ऑफ द मैच रहे जिन्होंने 106 गेंदों पर 11 चौके और 7 छक्के लगाए।