धरती के ये 30 फैक्ट्स जान दंग रह जाएंगे आप

धरती के ये 30 फैक्ट्स जान दंग रह जाएंगे आप

पृथ्वी से जुड़े ऐसे कई तथ्य हैं जो आपको मालूम नहीं होंगे। आइये आज ऐसे ही 30 तथ्यों के बारे में जानते हैं…

धरती पर सोनाधरती के ये 30 फैक्ट्स जान दंग रह जाएंगे आप

धरती पर इतना Gold है, जो 1.5 फीट की गहराई तक इसकी पूरी सतह को ढंक सकता है।
12 मील (19 किमी) की ऊंचाई पर प्रेशराइज्ड सूट पहनना जरूरी होता है, वरना मौत हो सकती है।
पृथ्वी पर एक बार सबसे विशाल उल्कापिंड गिरा था। इसका नाम होबा मीटिऑराइट रखा गया था।
पृथ्वी पर 1 सेकेंड में 100 बार और हर दिन 80.6 लाख बार आकाशीय बिजली गिरती है।

अंतरिक्ष के कचरे

अंतरिक्ष में मौजूद कचरे का एक टुकड़ा हर दिन पृथ्वी पर गिरता है। यह अनुमान नासा के वैज्ञानिकों ने लगाया है।
धरती पर ताप का स्त्रोत केवल सूर्य नहीं है बल्कि धरती का अंदरूनी भाग पिघले हुए पदार्थों से बना है जो लगातार धरती के अंदरूनी ताप स्थिर रखता है। एक अनुमान के मुताबिक, इस अंदरूनी भाग का तापमान 5000 से 7000 डिग्री सेल्सियस है जो कि सूर्य की सतह के तापमान के बराबर है।

क्या आप जानते है कि धरती के सारे महाद्वीप आज से 6.5 करोड़ साल पहले एक दूसरे से जुडे हुए थे। वैज्ञानिको का मानना है कि धरती पर कोई उल्का पिंड गिरने जा फिर निरंतर ज्वालामुखियों और ताकतवर भुकंपों के कारण यह महाद्वीप आपस से अलग होने लगे, इसी कारण धरती से डायनासोरो का अंत हुआ था।

चीन का प्रदूषण

पृथ्वी के 40% हिस्से में दुनिया के सिर्फ छ: देश है। पृथ्वी के सारे मनुष्य 1 वर्ग किलोमीटर के घन में समा सकते है। यदि हम एक वर्ग मीटर में एक व्यक्ति को खड़ा करे तो एक वर्ग किलोमीटर में दस लाख व्यक्ति खड़े हो सकते हैं।
चीन का वायु प्रदूषण इतना ज्यादा है कि स्पेस से देखने पर द ग्रेट वाल ऑफ चाइना भी दिखाई नहीं दी।
पृथ्वी के स्लो रोटेशन की वजह से 2015 एक सेकंड लंबा था।
अगर मनुष्य को बिना किसी सुरक्षा उपाय के स्पेस में छोड़ दिया जाए तो वह केवल 2 मिनट तक ही जीवित रहेगा।

सबसे ज्यादा गहराई वाला गडढा

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मनुष्य के द्वारा सबसे ज्यादा गहराई तक खोदा जाने वाला गड्ढा 1989 में रूस में खोदा गया था जिसकी गहराई 12.262 किलोमीटर थी।
200,000 लोग पृथ्वी पर हर दिन जन्म लेते हैं। हर सेकंड में दो लोगों की मौत हो रही है।
इंसान द्वारा बनाया गया सबसे पुराना धार्मिक स्थल गोबेकली टेप तुर्की में स्थित है। इसका निर्माण 10,000 वर्ष ईसा पूर्व किया गया था।

इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन

150 अरब डॉलर यानी करीब 10000 अरब रुपये कुल लागत है इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन की। यह सबसे अधिक खर्चीला प्रॉजेक्ट है, जिस पर सबसे ज्यादा राशि खर्च हुई।
7 अरब मील की दूरी से लिया गया पृथ्वी के फोटो का नाम ‘पेल ब्ल्यू डॉट’ है। अभी तक यह सबसे अधिक दूरी से ली गई धरती की तस्वीर है।
106 अरब लोग पृथ्वी पर हैं। आगामी वर्ष 2050 में 9.2 अरब लोगों की संख्या बढ़ जाएगी।

शार्क

प्रतिवर्ष 10-12 दुघर्टनाओं का कारण शार्क होती हैं। हर साल 100 मिलियन शार्क मारी जाती हैं।
पृथ्वी पर 99 फीसदी जीवित प्राणी महासागरों में से हैं। 2000 जलीय जीवों की प्रजातियों के बारे में हर साल बताया जाता है।
यदि पृथ्वी का पूरा जल इकट्ठा किया जाए, तो यह 860 घन किमी के आकार की बॉल बनेगी। यह शनि के बर्फीले चांद टेथी के आकार से अधिक होगी।

वायु प्रदूषण

दुनिया में 40% मौतें पानी, हवा और मिट्टी के प्रदूषण से होती हैं। सिर्फ एयर पलूशन से हर साल 70 लाख लोगों की मौत हो रही है।
दुनिया में रोजाना 1 अरब लोगों को पीने लायक पानी नहीं मिल रहा, जबकि 2 अरब लोग साफ पानी को तरस रहे हैं। 2050 तक करीब 09 अरब लोग बिना पानी या कम पानी में गुजारा कर रहे होंगे। 2025 तक भारत के करीब 60% भूजल स्रोत पूरी तरह सूख चुके होंगे।
समुद्र के एक लीटर पानी के 13वें बिलियन हिस्से में एक ग्राम सोना मिला रहता है।

पृथ्वी पर पानी

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पृथ्वी का 97 फीसदी पानी खारा है और मीठा पानी मात्र 3 फीसदी ही है। 90 फीसदी विश्व का कचरा समुद्रों में पहुंचता है।
सौर मंडल में पृथ्वी ही एक ऐसी जगह है, जहां पानी ठोस, द्रव्य और गैस रूप में मौजूद है।
आज भी दुनिया की 74.8 करोड़ आबादी को पीने के लिए भी साफ पानी नसीब नहीं होता है। लगातार इस्तेमाल होने वाले टॉइलट में रोज औसतन 200 गैलन पानी का बर्बाद होता है। लीकेज के चलते रोजाना 3.6 करोड़ गैलन पानी बर्बाद होता है।

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