द. कोरिया के 5 लाख से ज्यादा छात्रों ने दी अपने जीवन की सबसे मुश्किल परीक्षा

अगले विश्लेषण से पहले हम आपसे अपील करना चाहते हैं, कि अगर आपके घर में कोई ऐसा छात्र है, जो परीक्षा की तैयारी कर रहा है..तो आप उसे अपने पास बैठा लें. क्योंकि ये संक्षिप्त DNA टेस्ट परीक्षाओं के प्रति पूरे भारत की सोच को हमेशा के लिए बदलकर रख देगा. आपने भी अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में कई महत्वपूर्ण परीक्षाएं दी होंगी . लेकिन क्या परीक्षा के लिए Late होने पर आपको किसी पुलिस वाले से Lift मिली है ? क्या कभी किसी अनजान Taxi Driver ने आपको मुफ्त में परीक्षा केंद्र तक छोड़ा है ? क्या आपके शहर में परीक्षाओं के आयोजन को देखते हुए अतिरिक्त बसों और ट्रेनों की व्यवस्था की गई है ? द. कोरिया के 5 लाख से ज्यादा छात्रों ने दी अपने जीवन की सबसे मुश्किल परीक्षा

क्या आपने कभी ये सुना है, कि किसी परीक्षा की वजह से सरकारी दफ्तर, दुकानें, और यहां तक कि Stock Market को भी देरी से खोला गया हो ? और सबसे बड़ी बात ये, कि क्या आपने ये सुना है, कि किसी परीक्षा की वजह से Airports पर हवाई जहाजों की Landing और Take Offs पर रोक लगा दी गई हो ? ये सारे सवाल सुनकर आप कहेंगे.. कि परीक्षा ही तो है… इसे लेकर इतना गंभीर होने की क्या ज़रूरत है? ये कोई युद्ध नहीं है. लेकिन दक्षिण कोरिया एक ऐसा देश है जो परीक्षाओं को बहुत गंभीरता से लेता है .

आज दक्षिण कोरिया के 5 लाख से ज़्यादा छात्रों ने अपने जीवन की सबसे मुश्किल और सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा दी. दक्षिण कोरिया में इस Entrance Exam को C-SAT कहा जाता है. C-SAT का आयोजन हर वर्ष होता है. और इस परीक्षा का समय होता है – सुबह 8 बजकर 40 मिनट से शाम 5 बजकर 40 मिनट तक. हर वर्ष छात्रों के साथ साथ, दक्षिण कोरिया का पूरा सिस्टम और वहां का समाज भी इस परीक्षा में शामिल होता है. वहां पर C-SAT नामक परीक्षा में अच्छे नंबर लाने वाले छात्र, बड़ी Universities, और कॉलेजों में दाखिला लेने कि लिए Qualify कर लेते हैं. इसलिए इस परीक्षा को दक्षिण कोरिया में बहुत अहमियत दी जाती है. छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए वहां का सिस्टम खुद को एक दिन के लिए पूरी तरह बदल लेता है. 

ये बदलाव आज भी देखने को मिला. आज वहां पर अतिरिक्त बसें और मेट्रो Trains चलाई गईं. बैंकों…दफ्तरों और यहां तक कि Stock Exchange को भी 1 घंटा देरी से खोला गया. ऐसा इसलिए किया गया, ताकि सड़कों पर वाहनों का दबाव कम हो..और छात्र, वक्त पर परीक्षा केंद्र तक पहुंच जाएं. जिन छात्रों को देर हो रही थी, उन्हें Taxi Drivers और पुलिस कर्मियों ने खुद अपने वाहनों से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाया. और सबसे बड़ी बात ये है कि इसके बदले में इन छात्रों से कोई पैसा नहीं लिया गया. परीक्षा दे रहे छात्रों का ध्यान ना भटकें..इसके लिए दक्षिण कोरिया में वाहनों के Horn बजाने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया. मौखिक परीक्षा के दौरान छात्रों को परेशानी ना हो..इसके लिए 35 मिनट तक उड़ानों को पूरी तरह से रोक दिया गया. दोपहर में क़रीब एक घंटे तक दक्षिण कोरिया में ना तो किसी विमान ने उड़ान भरी और ना ही किसी विमान की Landing हुई. 

अब ज़रा इसी ख़बर को भारत की नज़र से देखिए. क्या आपने कभी भारत में ऐसा होते हुए देखा है. भारत में परीक्षाओं का सारा बोझ छात्रों पर ही डाल दिया जाता है. सिस्टम उसमें अपने हिस्से की जिम्मेदारी नहीं निभाना चाहता. भारत में IIT और मेडिकल Colleges में दाखिले के लिए जो Entrance Exam होते हैं…उनकी तैयारी भारतीय छात्र भी पूरी लगन के साथ करते हैं..लेकिन परीक्षा वाले दिन कोई छात्रों का साथ देने के लिए आगे नहीं आता…. इसलिए हमें लगता है कि आज हमारे Education System, प्रशासन, सरकार.. और माता-पिता को दक्षिण कोरिया से Import की गई ये ख़बर ध्यान से देखनी चाहिए. 

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