देश के इकलौते हेरिटेज लोकोशेड में 12 करोड़ की टॉय ट्रेन ‘पटरी से गायब’, 5 माह में सिर्फ दो दिन ही चली,

  • रेवाड़ी.देश के इकलौते हेरिटेज स्टीम लोकोशेड में 12 करोड़ रुपए से ज्यादा के बजट से तैयार की गई टॉय ट्रेन सामान्य रूप से पर्यटकों के लिए चलने से पहले ही पटरी से उतर गई है। अधिकारियों की माने तो इस प्रोजेक्ट में घटिया स्तर की सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही रेलवे की संस्था रेलवे इंडियन टेक्नीकल इकनोमिक्स लिमिटेड (राइट्स) ने इस काम को करने वाली कंपनी की पेमेंट रोक दी है। दिल्ली की सफदरगंज जनकपुरी के बाद रेवाड़ी देश की दूसरी ऐसी जगह है जहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इस टॉय ट्रेन चलाया गया था। बड़ी बात यह है कि 5 माह में सिर्फ दो दिन ही यह ट्रेन चल पाई है।
    देश के इकलौते हेरिटेज लोकोशेड में 12 करोड़ की टॉय ट्रेन ‘पटरी से गायब’, 5 माह में सिर्फ दो दिन ही चली,
    10 मार्च 2017 को रेलवे बोर्ड के सदस्य रविंद्र गुप्ता ने इस ट्रेन का उद्घाटन किया था। दो दिन तक चली यह टॉय ट्रेन खराब हो गई। उसके बाद से आज तक शुरू नहीं हो पाई है। इसी दौरान लोको शेड में एंट्री टिकट 10 रुपए तथा टॉय ट्रेन की सवारी के लिए 50 रुपए टिकट चार्ज निर्धारित किए गए।

    पर्यटकों को लुभाना था मकसद

    करीब 13 करोड़ रुपए के टॉय ट्रेन, गार्जियन स्केल खिलौना ट्रेन, स्टीम सिम्युलेटर, कोच सिम्युलेटर स्टीम लोकोमोटिव प्रोजेक्ट भी शुरू हो गए थे। एक प्रोजेक्ट में लोकोशेड के एक कमरे में कोच बनाए गए थे। इसमें सिम्युलेटर स्टीम से पर्यटकों को चलती ट्रेन में बैठने का अनुभव कराना था। कोच सिम्युलेटर में एक साथ 8 व्यक्ति बैठने की व्यवस्था की गई थी। इसी तरह स्टीम सिम्युलेटर में दो लोग थ्री-डी तकनीक से एक जगह खड़े होकर लंबी यात्रा करने का इंज्वाय भी कर सकते थे। इन सभी प्रोजक्ट पर पर अब ताला लगा दिया गया है। इसे शुरू करने का सीधा मकसद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों को इस लोकोशैड से सीधा जोड़ना था। इस लोकोशैड में फेयरी क्वीन स्टीम इंजन भी है। यह वर्ष 1855 में बना था। अब तक ट्रैक पर दौड़ने के कारण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसका नाम दर्ज है। इसके अलावा भाप के 10 पुराने इंजन हैं। यहां कई बड़ी बॉलीवुड फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। ये इंजन सैलानियों के लिए ही चलते हैं।

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    खामियां दूर कर रहे हैं, जल्द चलेगी ट्रेन

    नेशनल रेलवे म्यूजियम के निदेशक यूएस मीणा का कहना है कि लापरवाही की वजह से टॉय टेन की पटरी खराब हो गई थी। उसे ठीक किया जा रहा है। जल्द ही यह ट्रेन शुरू हो जाएगी। कब चलेगी अभी बता पाना मुिश्कल है।

    इंटेक का दावा: बड़ा गोलमाल, रेल मंत्री को भेजा पत्र

    ऐतिहासिक धरोहर की देखभाल करने वाली इंटैक के कार्डिनेटर सुधीर भार्गव का दावा है कि यह 12 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रोजेक्ट है। इसके निर्माण में घटिया स्तर की सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। बड़ा गोलमाल हुआ है। हमने रेलवे मंत्री को पत्र लिख दिया है कि देश के इस शानदार प्रोजेक्ट में इतने बड़े स्तर पर हुई गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
     
     
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