वीडियो: देखे इंडिया ऑस्ट्रेलिया मैच के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में लगे मोदी-मोदी के नारे, जानें पूरा मामला..

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध और समर्थन अब तक सड़कों पर ही दिख रहा था, लेकिन मंगलवार को इसका शोर मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भी देखने को मिला. दरअसल, वानखेड़े स्टेडियम में जिस वक्त भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें आमने-सामने थीं उस दौरान कुछ दर्शक एनआरसी, सीएए और एनपीआर के खिलाफ नारे लगाने लगे. इसके जवाब में कुछ दर्शक मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे. दोनों ही गुटों में इस दौरान बहस भी देखने को मिली. सुरक्षा कर्मियों के दखल देने के बाद मामला शांत हुआ.

CAA विरोधी नारे लिखी टी-शर्ट पहनकर पहुंचे दर्शक

वानखेड़े स्टेडियम में कुछ दर्शकों ने CAA विरोधी नारे लिखी टी-शर्ट पहनकर पहुंचे. दर्शकों ने स्टेडियम में CAA, NRC और NPR के विरोध में टी-शर्ट पहनकर मोदी सरकार का विरोध किया. इस दौरान इन दर्शकों ने अपनी जगह खड़े होकर नारे भी लगाए. हालांकि, इस दौरान इन युवाओं ने जोर-जोर से इंडिया-इंडिया के भी नारे लगाए. इस दौरान पीछे से मोदी-मोदी के नारे भी लगे.

इस दौरान दोनों गुटों में से कुछ लोगों की बहस हुई. घटना के फौरन बाद वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच गए और उन्हें हटाने की कोशिश करने लगे. हालांकि, बाद में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें शांति बनाए रखने की चेतावनी देकर छोड़ दिया.

मैच के दौरान सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले इन छात्रों में कई लड़कियां भी शामिल थीं. ये सभी अपनी शर्ट के नीचे पहनी टीशर्ट पर नो सीएए, एनआरसी और नो एनपीआर लिखकर आए थे. मैच शुरू होने के थोड़ी ही देर बाद ये सभी छात्र अपनी शर्ट के बटन खोलकर एक क्रम में खड़े हो गए, जिसके बाद टीशर्ट पर लिखा ‘नो सीएए, नो एनआरसी, नो एनपीआर’ का नारा साफ देखा जा सकता था.

दर्शकों ने क्या कहा

स्टेडियम में मौजूद रहे दर्शक हर्ष पटेल ने कहा कि हर जगह ये आते हैं और विरोध करते हैं. हम हर जगह प्रदर्शन देख रहे हैं. इसका असर आम लोगों पर पड़ता है. हम यहां पर मैच का मजा ले रहे हैं और कुछ लोग प्रदर्शन करके राजनीति कर रहे है. इसे रुकना चाहिए.

विरोध प्रदर्शन में शामिल एक दर्शक ने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से अपना संदेश देने के लिए स्टेडियम पहुंचे. हमने अपना संदेश दिखाने के अलावा कुछ भी नहीं किया. हमारी टी शर्ट पर लिखा है. BCCI नियम यह भी पुष्टि करता है कि आप अपने संदेश को वाणिज्यिक संदेशों से अलग कर सकते हैं. हम पिछले कई दिनों से विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब तक पीएम मोदी ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर बात करने के लिए हमसे संपर्क नहीं किया है.

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