दून निवासी प्रांजल अग्रवाल ने जेईई एडवांस्ड में 143वीं रैंक हासिल की, रोजाना सात घंटे की पढ़ाई

दून निवासी प्रांजल अग्रवाल ने जेईई एडवांस्ड में 263 अंक हासिल कर देशभर में 143वीं रैंक हासिल की है। अभी तक की प्राप्त जानकारी के अनुसार उन्होंने प्रदेश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए उन्होंने कोचिंग के साथ घर पर रोजाना करीब सात घंटे पढ़ाई की।

कालीदास रोड निवासी प्रांजल की जेईई मेन में 315 अंक और 528वीं रैंक थी।

मूलत: आगरा निवासी प्रांजल के पिता पिता डॉ शिव प्रसाद अग्रवाल भारतीय सुदूर संवेदी संस्थान (आइआइआरएस) में वैज्ञानिक और मां डॉ. मंजू अग्रवाल गृहणी हैं। प्रांजल ने बताया कि उन्होंने 11वीं से ही तैयारियां शुरू कर दी थी। रोजाना घर पर वह सात घंटे पढ़ाई करते।  शुरुआत से ही कैमिस्ट्री उनके लिए सबसे आसान रही, वहीं गणित थोड़ा मुश्किल रहा। हालांकि, तैयारी अच्छी होने के कारण दिक्कत नहीं हुई। प्रांजल के बड़े भाई वरुण अग्रवाल 2014 में आइआइटी के लिए चयनित हुए। आइआइटी गांधीनगर से बीटेक करने के बाद वह अमेरिका से पीएचडी कर रहे हैं।

प्रांजल ने बताया कि गणित के शिक्षक भीमसेन नगवाण ने तैयारी में उनकी काफी मदद की। वह भविष्य में आइआइटी दिल्ली या बांबे में कम्प्यूटर साइंस या इलेक्ट्रिानिक्स में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। उन्होंने बारहवीं बाइटलैंड्स से 97.75 अंकों के साथ की है।

वॉयस की-बोर्ड बनाया 

प्रांजल शुरुआत से ही हुनरमंद रहे हैं। सृजनशील सोच व रचनात्मकता उनके भीतर रची बसी है। उन्होंने बहुत कम उम्र में वॉयस की-बोर्ड बनाया। जिसे नाम दिया वाइस बोर्ड। इसे अब तक दुनिया में एक लाख से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने इसी वर्ष किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत 303 ऑल इंडिया रैंक हासिल की है। उनकी रुचि क्यूबिक्स और कम्प्यूटर में भी है। वह प्रतिदिन एक घंटा बैडमिंटन भी खेलते हैं। कहते हैं कि इससे ऊर्जा बनी रहती है।

रूपेंद्र गोयल को मिला 247 रैंक

दून की पहचान एजुकेशन हब के रूप में है। पर अब प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी छात्र दून का रुख करने लगे हैं। जेईई एडवांस्ड में इसकी एक बानगी दिखाई दी। मूलत: राजस्थान के रहने वाले रूपेंद्र गोयल ने परीक्षा में ऑल इंडिया 247 रैंक हासिल की है।

रूपेंद्र के पिता भूषण कुमार पीलीबंगा राजस्थान में दुकान चलाते हैं। रूपेंद्र ने भी अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान से ही की। पिछले दो साल से वह दून में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहे हैं। उनके शिक्षक व अचीवर्स क्लासेज के सीईओ मनु पंत ने बताया कि यह रूपेंद्र के परिश्रम और संस्थान के अनुभवी शिक्षकों के उचित मार्गदर्शन का परिणाम है। उनके अलावा संस्थान की छात्रा ज्योति, लोकेंद्र, पवन कुमार, अभिषेक चावला व धीरज पांडे ने भी अच्छी रैंक हासिल की है। बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल के लिए 12वीं पास छात्रों का नया बैच 16 जून से प्रारंभ होगा।

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