दुर्भाग्य से बचना चाहते है तो 20 से 40 की उम्र में भूलकर भी ना करें ये 8 काम

वैसे तो जीवन का हर एक पल खास होता है पर व्यक्ति के 20 से 40 के बीच के उम्र का दौर बेहद महत्वपूर्ण होता है जो जिंदगी बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। ये वो समय है जब इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से सबसे ज्यादा उर्जावान और सशक्त होता है..उसमें किसी भी कार्य को करने के लिए आवश्यक क्षमता होती है। पर अक्सर इंसान इस बहुमुल्य समय का महत्व नही समझ पाता और जाने अंजाने में इस समय का सदुपयोग करने के बजाए कुछ ऐसी गलतियां कर बैठता है जिसकी वजह से बाकी जीवन दुर्भाग्यपूर्ण बन जाता है। आज हम आपकों ऐसी कुछ गलतियों के बारे में बता रहें हैं जिन्हें अक्सर लोग 20 से 40 की उम्र में कर बैठते हैं और इस वजह से जीवन भर दुर्भाग्य उनका पीछा नही छोड़ता।

दुर्भाग्य से बचना चाहते है तो 20 से 40 की उम्र में भूलकर भी ना करें ये 8 काम1 स्वास्थ्य की अनदेखी

चूंकि इस उम्र में आप शारीरिक रूप से अधिक मजबूत होते हैं ..शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से कार्य कर रेह होते हैं तो आपका स्वास्थ्य और शरीर आपका साथ निभाता है। पर अक्सर इसी चक्कर में लोग अपने खाने का विशेष ध्यान नहीं रखते। अनियमित भोजन और जंक फूड से रोजाना आपका शरीर जूझता है जिसका असर बढ़ती उम्र के साथ दिखाई देने लगता है हो सकता है भविष्य में आपका शरीर आवश्यकता से अधिक कमजोर हो जायेगा जिसे वापस से ऊर्जावान बना पाना संभव नहीं होता। ऐसे में बेहतर यही है कि इस उम्र में खानपान पर आवश्यक ध्यान दिया जाए और स्वास्थ्य की अनदेखी भूलकर भी ना की जाए क्योंकि वास्तव में स्वास्थ्य ही व्यक्ति के लिए सबसे बड़ी पूंजी है ।

2 आवश्यक बचत नही करना

यही उम्र होती है जब इंसान नौकरी पेशे के जरिए अपनी आजिविका कमा रहा होता है.. चूंकि आप कमा रहे होते हैं तो आप उसे खर्च करने के लिए स्वच्छंद भी होते हैं ..आप अपने हिसाब से पैसे खर्च करते हैं लेकिन इसी आर्थिक आजादी के चक्कर मे लोग आवश्यक बचत करना भूल जाते हैं। जबकि हर व्यक्ति को भविष्य के लिए जरूरी बचत करनी चाहिए ताकि आने वाले समय में आपको दूसरों के आगे हाथ ना फैलाना पड़े। इसलिए आप भी इस उम्र में बचत ना करने की भूल ना करें।

3 अपनों को समय ना देना

20 से 40 की ही उम्र होती है जब लोग सबसे ज्यादा व्यस्त होते हैं.. शुरूआत में नौकरी पाने की जद्दोज़हद और फिर करियर में सफल होने की मेहनत में लगें रहते हैं..इस जद्दोज़हद में इंसान अपनों को समय और अहमियत नही दे पाता। ऐसे में आप पैसे तो कमा लेते हैं पर कई बार अनमोल रिश्ते खो देते हैं जिसका अफसोस आपको पूरी लाइफ रहता है । अगर आप अपने अनमोल रिश्तें बचाए रखना चाहते हैं तो उम्र के इस दौर में अपने परिजनों को जरूरी अहमियत और समय देना ना भूलें।

4 जल्दबाजी में गलत रिश्ते में पड़ जाना

ये उम्र ही सही जीवनसाथी के साथ एक नए सफऱ की शुरूआत की होती है पर कई बार लोग जल्दबाजी में गलत रिश्ते में पड़ जाते हैं और ये सोच कर रिश्तों को निभाते रहते हैं कि शायद बाद में सब ठीक हो जाएं पर इस चक्कर में समय गवां बैठ देते हैं और आखिर में आप के रिश्ता का भी बुरा अन्त हो जाता है। ऐसे में आपके पास नए रिश्ते की शुरूआत करने का समय नही बचता है । इस बुरी परिस्थिति से बचने का यही पाय है कि शादी तभी की जाए जब आपको सही जीवनसाथी मिल जाएं ना कि जल्दीबाजी में और लोगों के प्रेशर में और अगर इसके फिर भी आगे चलकर आपको ये लग रहा है कि आपके लिए उपयुक्त रिश्ता सही नही है तो समय रहते ही इससे निकल जाए ।

5 बड़े बुजुर्गों की सलाह ना मानना

युवावस्था उम्र का वह पड़ाव है जहां आपको अपने द्वारा किया गया हर काम सही लगता है। आप नई सोच के साथ इतने जोश में होते हैं कि बाकी सभी खयालात आपको पुराने या कमतर दिखाई देने लगते हैं। लेकिन भूलें नहीं कि आपके माता-पिता जीवन के संघर्षों में आपसे अधिक अनुभवी हैं। इसलिए उन्हें भी ध्यान से सुनें।

6 अरूचिकर पेशे में मजबूरन काम कारना

कई बार आपको मनपसंद जॉब नहीं मिलती लेकिन कॅरियर की सिक्योरिटी या आर्थिक परिस्थिति से निपटने के लिए आप समझौते कर लेते हैं और बेमन से उस जॉब को करते रहते हैं। ऐसा ना करें और तुरंत ही उस जॉब को छोड़ दें वरना ऐसा ना हो कि कुछ वक्त के बाद आप खुद ही अपने काम को अहमियत ना दें और आपको अपना जीवन व्यर्थ लगने लगे।

7 यात्रा और जीवन का ना आनंद लेना

अक्सर लोग इस उम्रं मे ये सोचकर यात्रा और पर्यटन का मजा नही लेते कि रिटायरमेंट के बाद करेगें जबकि व्यक्ति जब जॉब से रिटायर होता है उसके पास वो उर्जा और उल्लास नही बचता कि यात्रा का पूरा आनंद ले सके। इसलिए बेहतर यही है कि आप इसी समय में यात्राएं करें और अपने जीवन का आनंद लें।

8 माता पिता के दबाव में अपने सपनो को छोड़ देना

कई बार हम मां बाप के दबाव में अपने सपनों को जीना छोड़ देते हैं जबकि ये समझना बेहद जरूरी है कि जीवन सिर्फ एक बार मिलता है और हमे अपनी पूरी इच्छा शक्ति से अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश जरूर करनी चाहिए क्योंकि हमसे बेहतर हमारे लक्ष्य को कोई और नही समझ सकता

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