दीपेंद्र की हार व भाजपा की जीत में मिला यह बड़ा संकेत, जानें वोट का खास गणित

हरियाणा में भाजपा ने सभी दस लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की, लेकिन रोहतक की सीट यहां अंत तक फंसी रही। प्रदेश में अगर कहीं टक्कर दिखी तो वह सिर्फ रोहतक में। यहां आखिर तक प्रशासन, प्रत्याशियों और उनके समर्थकों की सांसें अटकी रहीं। हालांकि वीरवार सुबह से शुक्रवार तड़के तक हुई मतगणना से तस्वीर साफ हो गई। EVM से डाले गए मतों में भाजपा के प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा आगे रहे। इसके साथ ही Postal ballot paper भी अरविंद के पक्ष में सर्वाधिक पाए गए। इससे यह भी साफ संकेत मिले कि लगातार यह कहा जा रहा था कि कर्मचारी वर्ग सरकार से नाराज है, लेकिन Postal ballot paper की गिनती ने यह साफ कर दिया कि वह सरकार से नाराज नहीं हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी दीपेंद्र सिंह हुड्डा को EVM के मतों में पिछड़ने के बाद लग रहा था कि Postal ballot paper को लेकर उम्मीदें बनी हुई थीं। लेकिन करीब 4423 Postal ballot paper रद होने से दीपेंद्र की हार तय हो गई थी। इन्हीं रिजेक्ट मतों को लेकर आखिरी समय तक राजनीति गर्माई रही। यही कारण रहा कि शुक्रवार की सुबह 3.45 बजे डॉ. अरविंद की जीत को लेकर घोषणा हो सकी। पोस्ट बैलेट में भाजपा के खाते में 7603 व दीपेंद्र के खाते में 2736 मत गए।

मतगणना के बाद निर्दलीय प्रत्याशियों को भी राजनीति में हकीकत का पता चल गया। इस दफा आठ निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में थे। इन सभी प्रत्याशियों को 8333 मत मिले। पांच निर्दलीय प्रत्याशी तो तीन अंकों के मतों में ही सिमट गए। सिर्फ तीन ही निर्दलीय प्रत्याशी चार अंकों तक मत पा सके। Postal ballot paper के मतपत्रों की मतगणना के दौरान 62 मत नोटा के लिए भी पड़े, जबकि कुल नोटा के मतों की बात करें तो 3001 मतदाताओं ने पसंद किया।

पांच विस क्षेत्रों में कांग्रेस तो चार में भाजपा को मिली बड़ी जीत

हरियाणा की सबसे हॉट रोहतक लोकसभा पर जीत से भाजपा पूरी तरह से उत्साहित है, लेकिन कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के विधानसभा क्षेत्र में हार भी हुई है। रोहतक लोकसभा क्षेत्र में नौ विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी ने पांच तो चार में भाजपा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है। भाजपा ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए भी आगामी विधानसभा चुनाव खतरे की दस्तक हैं, क्योंकि रोहतक शहर के अलावा कलानौर में कांग्रेस की हार और महम में जीत का अंतर पहले से कम होना उनके लिए भी कठिन डगर मानी जा रही है।

भाजपा प्रत्याशी डॉ. अरविंद शर्मा कड़े मुकाबले के बाद रोहतक की सीट जीतने में कामयाब हो गए। रेवाड़ी जिला के कोसली विधानसभा से रिकार्ड 74 हजार 890 की भाजपा की जीत में निर्णायक साबित हुई है। हालांकि यहां से भाजपा से ही विक्रम ठेकेदार विधायक हैं और पहले से ही कांग्रेस यहां से भाजपा की बढ़त मानकर चल रही थी, लेकिन झज्जर जिला के बादली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की हार हुई है क्योंकि यहां से कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ विधायक हैं। पांच विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त मिली है। लेकिन कलानौर से हार कांग्रेस के लिए खतरनाक साबित हुई।

रोहतक लोकसभा में जीत के साथ ही भाजपा ने कांग्रेस और भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ कहे जाने वाले कलानौर विधानसभा क्षेत्र में भी सेंध लगा दी है। राजनीतिक विश्लेषक चुनाव होने के बाद यहां से कांगेस प्रत्याशी दीपेंद्र सिंह हुड्डा की बढ़त का दावा कर रहे थे, लेकिन चुनावी नतीजों ने सभी को चौंकाते हुए भाजपा प्रत्याशी अरविंद शर्मा को जीत का आशीर्वाद दिया।

दरअसल, कलानौर में किसी भी कार्यक्रम में पहुंचे हुड्डा परिवार सार्वजनिक मंच से कलानौर और सांघी को अपने परिवार का हिस्सा मानते थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पिता चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा संयुक्त पंजाब के समय में कलानौर से मंत्री भी रह चुके हैंं। यही नहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जितवाने में कलानौर की हमेशा से ही अहम भूमिका रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान खुद मुख्यमंत्री ने विजय संकल्प रैली के दौरान अपने आप को कलानौर का बेटा होने की बात कहकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगे थे।

कलानौर विधानसभा पर कांग्रेस का ही ज्यादा दबदबा रहा

कलानौर विधानसभा चुनाव में इस सीट पर लगभग कांग्रेस का ही दबदबा रहा है। 1991 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी करतार देवी ने इनेलो के हरदूल सिंह को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। वहीं 1996 में भी करतार देवी ने भाजपा के जय नारायण खुंडिया को हराकर फिर जीत हासिल की थी। 2000 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सरिता नारायण ने करतार देवी को हराकर भाजपा की जीत का परचम यहां लहराया था।

कांग्रेस की प्रत्याशी करतार देवी ने फिर वापसी करते हुए 2005 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। करतार देवी की मृत्यु के बाद 2009 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शकुंतला खटक ने इनेलो के नागाराम वाल्मीकि को हराकर इस सीट पर फिर कांग्रेस का कब्जा किया। 2014 के चुनाव में शकुंतला खटक ने भाजपा के रामअवतार वाल्मीकि को हराकर फिर कांग्रेस का परचम यहां से लहराया।

कृषि मंत्री का क्षेत्र पिछड़ा कौशिक जिताने में रहे सफल

कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ बादली से विधायक हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी बादली से 11554 की बढ़त लेने में सफल रहे। यह कृषि मंत्री के लिए चिंता का विषय बन गया है। भाजपा संगठन भी इसको लेकर गंभीर है, लेकिन बहादुरगढ़ से भाजपा विधायक नरेश कौशिक अपना रूतबा कायम करने में कामयाब रहे।

किंगमेकर बनकर निकले सहकारिता मंत्री ग्रोवर

सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर लोकसभा चुनाव में एक तरह से किंगमेकर बनकर उभरे हैं। रोहतक नगर निगम मेयर का चुनाव जीतने के बाद ही मंत्री ग्रोवर ने दावा किया था कि रोहतक से दीपेंद्र सिंह हुड्डा को हरा सकते हैं और हराएंगे। रोहतक विधानसभा में जहां 2014 में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने काफी बढ़त ली थी।

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