दीपिका के जेएनयू जाने पर मनोज तिवारी ने कही ये बड़ी बात, हैरान रह गई बीजेपी

नई दिल्‍ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण हाल ही में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी विवाद के बाद छात्रों का समर्थन करने के लिए पहुंची थीं। जेएनयू विवाद में दीपिका के छात्रों के साथ खड़े होने और उनका समर्थन किए जाने पर नई दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी और भारतीय जनता पार्टी के सांसद हंस राज हंस का बयान सामने आया है।

दीपिका

मनोज तिवारी ने कहा कि दीपिका सबके सामने आकर ये बात साफ करें कि वह वहां किसलिए गई थीं। दीपिका के जेएनयू जाने पर मनोज भले ही विरोध के स्वर ऊंचे करते नजर आए लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनकी हाल ही में रिलीज हुई फिल्म छपाक का बायकॉट नहीं होना चाहिए। मनोज ने दीपिका को देशभक्त सुपरस्टार कहा है।

मनोज ने कहा कि हिंसा का विरोध करना ही चाहिए। मेरा मानना है कि दीपिका का जाना हिंसा के विरुद्ध ही था। वैसे उनकी फिल्म भी आ रही है लेकिन लगता है कि जिस तरह वह छात्रों के साथ खड़ी हो गई लोगों ने मिसलीड किया है दीपिका को। वह ग्रुप तो है इंडिया आर्मी मुर्दाबाद कहने वाला। वहां कन्हैया कुमार भी खड़े थे दीपिका पादुकोण जैसी एक्ट्रेस की इमेज को खराब करने की कोशिश की गई है।

मनोज ने कहा कि दीपिका को गलत जानकारी देकर उनको वहां ले जाया गया है। दीपिका का विरोध करने वालों के बारे में मनोज का कहना है कि सबको अधिकार है कि हिंसा के विरुद्ध बोले लेकिन इन लोगों ने दीपिका की इमेज को खराब करने की कोशिश की अपने झूठ से। ऐसा मुझे लगता है। मेरा यह मानना है कि मैं अंदाजा ही लगा सकता हूं।

उन्होंने कहाअब दीपिका के ऊपर है कि वह अपनी बात करें कि कन्हैया कुमार के साथ खड़े होने का उनका पहले से प्लान था या वह अपनी फिल्म के लिए प्रचार के लिए गलतफहमी में कुछ लोगों के साथ खड़ी हुई। आईशा घोष जो जेएनयू की अध्यक्ष है उसके साथ खड़े होने में कोई दिक्कत नहीं है। सवाल उठे हैं कन्हैया कुमार के साथ खड़े होने में और दीपिका को पता नहीं होगा कि वह कन्हैया कुमार वही है जिसने कहा था की भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी। इंडियन आर्मी मुर्दाबाद। भारत तेरे टुकड़े होंगे। मेरा मानना है कि दीपिका ऐसे नारों को समर्थन करेंगी।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद हंस राज हंस ने दीपिका के जेएनयू जाने वाले मामले पर कहा कि मेरा मानना है कि आर्टिस्ट इनोसेंट होता है, वो अपने फ़िल्म के प्रोमोशन में व्यस्त रही होंगी। उन्हें पता नही होगा कि पिछले दिनों JNU में क्या हुआ। मैंने दीपिका पादुकोण को देखा, वो परेशान थी, खामोश थीं और खामोशी से वापिस लौट आईं, दीपिका पादुकोण ने किसी को सपोर्ट नही किया।

हंस राज ने कहा कि दीपिका के बिहाफ पर लोग कैसे बोल रहे हैं? जो बंदा कुछ बोला ही नही, जब दीपिका पादुकोण JNU गयीं तो उत्साह में थीं कि युवाओं के बीच फ़िल्म की प्रमोशन करेंगी लेकिन वहां माहौल देखा तो घबरा हुई थीं। लेकिन वो भी किसी की बेटी है, तो बेचारी वापिस लौट आयी। अगर नेगेटिव बातों को सपोर्ट करतीं तो गलत मैसेज जाता। आर्टिस्ट इतना शातिर नही होता है।

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