दीपक: हम अपने दम पर बने थे विश्व विजेता…

भारत को 15 बरस पहले एकमात्र जूनियर हॉकी विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले अनुभवी फारवर्ड दीपक ठाकुर का मानना है कि भारतीय हॉकी का अस्तित्व बचाने के लिए वह टूर्नामेंट एक जंग की तरह था। सुविधाओं के अभाव में भी हर खिलाड़ी के निजी हुनर के दम पर टीम ने नामुमकिन को मुमकिन कर डाला।de-580x291

भारत 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबार्ट में अर्जेंटीना को 6-1 से हराकर विश्व विजेता बना था। इसमें ठाकुर ने सर्वाधिक दस गोल दागे थे, जबकि देवेश चौहान सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर रहे।

अगला जूनियर हॉकी विश्व कप गुरुवार से लखनऊ में शुरू होगा। इसमें मेजबान टीम को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के ठाकुर ने यादें ताजा करते हुए कहा, “अब हम सोचते हैं तो हैरानी होती है कि हम कैसे जीत गए। वास्तव में वह टीम सिर्फ अपनी क्षमता के दम पर खेली और जीती थी। अटैक, डिफेंस या मिडफील्ड हर विभाग में हमारे पास बेहतरीन खिलाड़ी थे। हमें आज जैसी सुविधाएं नहीं मिली थीं, लेकिन भारतीय हॉकी का वजूद बनाए रखने का जुनून हमारी प्रेरणा बना।”

खत्म होगा 15 साल का सूखा : ठाकुर ने कहा, “इस बार 15 साल का सूखा खत्म होने की पूरी उम्मीद है। सेमीफाइनल तक तो भारत की राह आसान लग रही है। फिर घरेलू मैदान पर खेलने का फायदा भी मिलेगा। टीम की तैयारी पुख्ता है और काफी एक्सपोजर मिला है।

 

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