दिल्ली पुलिस ने बिना आधार कार्ड मृतकों का शव देने से किया इनकार

दिल्ली की रानी झांसी रोड पर स्थित अनाज मंडी के एक कारखाने की बिल्डिंग में आग लगने से तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजन इस गम से अब तक पूरी तरह से उबर भी नहीं सके हैं इस बीच सरकारी सिस्टम की संवेदनहीनता से उनकी परेशानी और बढ़ रही है। मृतकों का शव सौंपने के लिए दिल्ली पुलिस ने मृतक का आधार कार्ड दिखाना जरुरी किया है। ऐसे में परिजन शव होने के लिए इधर से उधर परेशान हो रहे हैं। मंगलवार को बिहार के सहरसा में रहने वाले तीन मृतकों के परिजनों को शव सौंपने से सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया गया क्योंकि उनके पास मृतकों का आधार कार्ड नहीं था।

परिजनों ने की शिनाख्त फिर भी नहीं मिला शव

दिल्ली हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के सामने दिल्ली पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे में मारे गए राशिद, संजर और ग्यास की पहचान उनके परिजनों ने की थी। इसके पूर्व तीनों के दोस्तों ने उनकी शिनाख्त की थी लेकिन पुलिस द्वारा कहा गया कि पोस्टमार्टम तभी होगा जब किसी के आधार कार्ड में मृतक का नाम होगा। इसके बाद दोस्तों ने परिजनों को इसकी जानकारी दी और वे ताबड़तोड़ बिहार से दिल्ली के लिए रवाना हुए।

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24 घंटे के सफर के बाद जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो पुलिसने मृतकों का आधार कार्ड मांग लिया। परिजनों ने कहा कि आधार कार्ड मरने वालों के पास ही था तो भी पुलिस वालों ने उन्हें मृतकों का शव नहीं सौंपा। इतना ही नहीं मृतकों का इसी वजह से पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया।

इस बीच एक मृतक का आधार कार्ड उसके दोस्त के मोबाइल में मिला तो उसका पोस्टमार्टम कराया गया लेकिन अन्य दो का आधार कार्ड ना मिलने की वजह से पोस्टमार्टम नहीं हो सका।

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