दिल्ली के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट, शिक्षा पर बसे ज्यादा खर्च करेगी सरकार

आप सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन पर जोर दिया। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार ने जहां कच्ची बस्तियों में बुनियादी सुविधाओं के विस्तार की बात कही, वहीं गरीबों के लिए मोहल्ला क्लिनिकों का दायरा बढ़ाकर इस वर्ग को लुभाने के साथ ही नया कर नहीं लगाकर मध्यम वर्ग को साधने कोशिश की। बजट प्रस्तावों को सदन में रखने से पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनका बजट पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीद जवानों को समर्पित है।दिल्ली के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट, शिक्षा पर बसे ज्यादा खर्च करेगी सरकार

सिसोदिया ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस बार के बजट में सरकार ने करीब 13.21 फीसदी की बढ़ोतरी की है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अनुमानित 60 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है जो 2014-15 के बजट की तुलना में दो गुणा है। एक साल पहले वित्त वर्ष 2018-19 के लिये 53 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया था।

दिलचस्प बात यह कि पिछले चार साल की तरह इस साल भी सरकार शिक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करेगी। इसमें खास जोर बच्चों के कौशल विकास पर है। इसके साथ ही दिल्ली को पेयजल के मसले में आत्मनिर्भर बनाने का खाका भी सरकार ने पेश किया है।

दिल्ली सरकार पिछले चार साल से पूरे बजट का करीब एक चौथाई हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रही है। आगामी वित्त वर्ष के लिए भी 26 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च करने का प्रस्ताव है। वहीं, बजट का 12.4 फीसदी खर्च स्वास्थ्य पर किया जाएगा। इसमें अस्पतालों के बेड बढ़ाने, नए अस्पतालों के निर्माण व पुराने के विस्तार पर जोर रहेगा। वहीं, परिवहन के क्षेत्र में 4,000 नई बसें लाने व मेट्रो फेज चार के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव सरकार ने किया है।

सस्ती बिजली-पानी की योजना जारी रहेगी
दिल्ली सरकार चुनावी साल में एक बार फिर सीसीटीवी व वाई-फाई पर जोर देगी। कच्ची कालोनियों के विकास पर भी बजट का बड़ा हिस्सा खर्च किया जाएगा। इस मद में 1,600 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव सरकार ने किया है। विधान सभा में अपनी सरकार का अंतिम बजट पेश करते हुए सिसोदिया ने अपने चुनावी वादों से जुड़ा 70 सूत्री एजेंडा भी पढ़ा। सिसोदिया का दावा है कि इसमें से तकरीबन सभी वादों को सरकार ने पूरा कर दिया है। इससे भी आगे बढ़ते हुए वादों से इतर दूसरे भी कई काम सरकार ने किए हैं।

सस्ती बिजली व बीस हजार लीटर तक मुफ्त में पानी मुहैया कराने की योजना जारी रहेगी। दिल्ली को पानी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की घोषणा बजट में की गई है। इसके केंद्र में बारिश के पानी के संरक्षण करना है।

स्वामीनाथन आयोग को लागू करने वाला पहला राज्य
सिसोदिया ने स्वामीनाथन आयोग के सुझावों के तहत किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने के लिये वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में 100 करोड़ रुपये का आवंटन करने की भी घोषणा की। उन्होंने दावा किया कि दिल्ली स्वामीनाथन आयोग को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है। किसानों के लिए सरकार स्मार्ट कृषि योजना लांच करेगी।

विधानसभा में वायु सेना के जवानों को सलामी
विधानसभा में सत्र की शुरुआत मंगलवार तड़के पाकिस्तानी इलाके में घुसकर आतंकवादी शिविरों पर हमला करने वाले वायु सेना के जवानों को सलामी देने के साथ शुरू हुई। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं भारतीय वायु सेना के उन पायलटों की बहादुरी को सलाम करता हूं जिन्होंने पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर हमला कर हमें गौरवान्वित किया है।

दसवीं में 80 फीसदी अंक लाने पर टैबलेट का तोहफा
सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में शिक्षा क्षेत्र को 15, 601 करोड़ की राशि आवंटित की है। यह कुल बजट का सर्वाधिक 26 फीसदी है। सरकार की योजना दिल्ली के शिक्षा मॉडल से विश्व पटल पर छाने की है। दसवीं बोर्ड परीक्षा में 80 फीसदी या उससे अधिक अंक लाने पर छात्रों को प्रतिभा फेलोशिप कार्यक्रम के तहत कंप्यूटर टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे।

हरित क्षेत्र का दायरा बढ़ा
सरकार ने बजट में दिल्ली की हरियाली पर कहा कि दिल्ली का हरित क्षेत्र का दायरा 2015 की तुलना में 1100 हेक्टेयर बढ़ चुका है। वहीं, 2018-19 जनवरी तक 28 लाख पौधे रोपे गए हैं। 2017-18 में 19.62 लाख पौधे लगाए गए थे।

अरविंद केजरीवाल बोले: हमें सरकार चलानी आती है
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सत्ता में आने के बाद से विपक्षी कहते थे कि इन लोगों को सरकार चलाना नहीं आता। लेकिन हमारे सत्ता में आने से पहले दिल्ली का बजट 30,940 करोड़ रुपये था। सरकार आज 60,000 करोड़ रुपये का अपना अंतिम बजट सदन में पेश कर रही है। इससे साबित हो गया है कि उन्हें सरकार चलानी आती है। यह बजट सबके लिए है। गरीब-अमीर, हिंदू-मुसलिम-सिख-इसाई, बनिया-पंडित, एससी एसटी ओबीसी, किसान, मजदूर महिला बच्चों व बुजुर्गों सबको इसका फायदा मिलेगा।

दो नए विश्वविद्यालय खुलेंगे
दिल्ली सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लाने के लिए दो यूनिवर्सिटी खोलने की घोषणा की है। इनमें यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लॉयड साइंस व शिक्षकों की ट्रेनिंग के लिए यूनिवर्सिटी शामिल है।

10 करोड़ विधायकों को विकास कार्यों के लिए दिए जाएंगे। पहले चार करोड़ रुपये मिलते थे
15, 601 करोड़ शिक्षा पर खर्च किए जाएंगे
7485 करोड़ रुपये स्वास्थ्य सेवाओं के लिए
1900 करोड़ सड़क अवसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए
3,65,529 लाख रुपये सालाना दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय 2018-19 में
500 करोड़ मेट्रो फेज-4 के लिए
4575 करोड़ स्थानीय निकायों को

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