दिल्ली का नही बना था ‘आधार’ तो अस्पताल ने इलाज करेने से कर दिया इनकार

सुनकर थोड़ा आश्चर्य जरूर होगा, लेकिन सच है कि दिल्ली के अस्पतालों में इलाज करने से पहले डॉक्टर मरीज से आधार कार्ड मांग रहे हैं। अगर दिल्ली का आधार कार्ड किसी मरीज के पास नहीं है, तो उसे एम्स या फिर सफदरजंग अस्पताल रेफर किया जा रहा है।

दिल्ली का नही बना था 'आधार' तो अस्पताल ने इलाज करेने से कर दिया इनकारमामला रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में सामने आया, जिसका खुलासा देश के सबसे बड़े चिकित्सीय संस्थान एम्स के डॉक्टरों ने किया।

बुधवार सुबह एम्स की ओपीडी में एक बुजुर्ग मरीज पहुंचा, जिसके कार्ड पर डॉ. अंबेडकर अस्पताल के डॉक्टरों ने लिखा था कि मरीज का आधार कार्ड दिल्ली का नहीं होने के चलते इसे रेफर किया जाता है।

डॉक्टरों ने इस पर आश्चर्य जताया है। साथ ही इसकी कड़े शब्दों में निंदा भी की है। दरअसल, रोहिणी के सेक्टर-चार निवासी योगेश काफी समय से दिल्ली में रहते हैं।

एम्स में रेफर कर देते हैं डॉक्टर

यूपी के बुलंदशहर के मूल निवासी योगेश के पिता ओमप्रकाश को कई दिनों से शौच के साथ रक्त आने और दर्द होने की शिकायत है। इसे लेकर वे अपने पिता को लेकर डॉ. अंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे।

योगेश ने बताया कि उनके पास दिल्ली का आधार कार्ड है, लेकिन पिता के पास नहीं है। पहले तो अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज करने के लिए टाल-मटोल की।

फिर जब उन्होंने बार-बार अपील की, तो एक डॉक्टर ने मरीज के कार्ड पर लिखते हुए उसे एम्स जाकर इलाज कराने की सलाह दी। योगेश का कहना है कि एम्स आने के बाद उन्हें सबसे पहले लंबी लाइन का सामना करना पड़ा।

इसके बाद डॉक्टरों ने देखा और अप्रैल में आकर इलाज कराने की नसीहत दी। योगेश का कहना है कि उनके पिता की हालत बेहद खराब है और वे दर्द से पीड़ित हैं।

सरकार को संज्ञान लेना चाहिए

एम्स के पूर्व आरडीए अध्यक्ष डॉ. विजय गुर्जर का कहना है कि एम्स में मरीजों की संख्या क्षमता से कई गुना ज्यादा है, इसलिए यहां मरीजों को मुश्किल हो सकती है, लेकिन दिल्ली सरकार के अस्पताल से जुड़ी ये घटना शर्मनाक है।

महज आधार कार्ड न होने की वजह से किसी मरीज को एम्स भेज देना। डॉक्टर, अस्पताल और सरकार सभी को शर्मिंदा कर देने जैसी घटना है। सरकार को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।

सभी मरीजों का करते हैं इलाज : डॉ. पुनीता
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन हमारे यहां सभी मरीजों का उपचार किया जाता है। ये कहना है डॉ. अंबेडकर अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पुनीता महाजन का।

उन्होंने बताया कि उनके यहां आधार कार्ड देखकर इलाज नहीं किया जाता। अगर ऐसा किसी डॉक्टर ने किया है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 
 
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