दही के हैं जितने फायदे, उतने ही हैं नुकसान, जानिए इसके पीछे का साइंस

दही एक डेयरी उत्पाद है. ये दूध में बैक्टीरिया मिलाने से तैयार होता है. जिसे फर्मेंटेशन प्रक्रिया कहते हैं. इसे थोड़ी देर के लिए गर्म जगह पर रखा जाता है. जिससे ये गाढ़ा होता है. बैक्टीरिया ही दूध को गाढ़ा करता है. स्वाद में खट्टा और क्रीमी बनाता है. जिसे हम दही कहते हैं. दही, पाचन क्रिया को बेहतर करने के अलावा दांत और हड्डियों को मजबूत बनाता है. खासकर आंतों में अच्छे बैक्टीरिया बनाकर उन्हें चिकना रखता है.Superfood: दही के हैं जितने फायदे, उतने ही हैं नुकसान, जानिए इसके पीछे का साइंस

दही का इस्तेमाल कई डिश तैयार करने के लिए कर सकते हैं. वे स्वाद में तो बेहतर होंगी ही, साथ ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद रहेंगी. कई लोग दही, त्वचा निखारने और बालों से ड्रैंडफ दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.

नीचे जानेंगे दही को सुपरफूड क्यों कहा जाता है. ये गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद होता है. वजन घटाने में ये किस तरह मददगार है और इसमें क्या-क्या पाया जाता है.

दही में होता है क्या-क्या?

बताई गई मात्रा 100 ग्राम दही की है.

कैलोरी- 98
फैट- 4.3 ग्राम
कोलेस्ट्रॉल- 17 मिलीग्राम
सोडियम- 364 मिलीग्राम
पोटैशियम- 104 मिलीग्राम
कार्बोहाइड्रेट्स- 3.4 ग्राम
शुगर- 2.7 ग्राम
प्रोटीन- 11 ग्राम

क्यों कहा जाता है दही को सुपरफूड?
हल्के सफेद रंग का दिखने वाला दही बेहतर स्वास्थ्य और तंदरुस्ती के लिए जाना जाता है. इसमें सभी जरूरतमंद पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं. कैल्शियम, विटामिन-बी12, विटामिन-बी2, पोटैशियम और मैग्नीशियम के साथ प्रोटीन पाया जाता है. पेट के लिए काफी हल्का होता है. वजन घटाने में मदद भी होता है. कब्ज की समस्या दूर करता है. इसलिए इसे सुपरफूड कहा जाता है.

दही के फायदे
– दही एक प्रकार का प्रोबायोटिक (ये एक प्रकार के जिंदा बैक्टीरिया होते हैं) है. इसमें मौजूद अच्छे और जरूरतमंद बैक्टीरिया, आंतों की गतिविधि को बढ़ावा देते हैं. जिससे कब्ज की समस्या खत्म होती है और पाचन तंत्र मजबूत होता है.
– दही में मौजूद जिंदा बैक्टीरिया, बीमारी के रोगाणुओं से लड़ने में मदद करते हैं. आंतों को खराब वायरस से बचाकर रखते हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ विएना, ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं का कहना है कि 200 ग्राम दही खाने से इम्यूनिटी को बढ़ावा मिलता है.
– अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के शोधकर्ताओं ने रिसर्च की. इसमें हाई ब्लड प्रेशर रिसर्च साइंटिफिक सेशन के तहत लोगों को बिना फैट वाली दही खिलाई गई. जिसमें 31 प्रतिशत लोगों में दही खाने के कारण उच्च रक्तचाप की समस्या कम पाई गई. इसमें पोषक तत्व जैसे पोटैशियम और मैग्नीशियम के साथ एक अलग प्रकार का प्रोटीन पाया गया. जो दिल को मजबूत बनाने और उच्च रक्तचाप की समस्या कम करने में कारगर है.
– दही सबसे ज्यादा महिलाओं के लिए अच्छा होता है. ये वजाइना में इंफेक्शन होने से बचाव करता है. दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस बैक्टीरिया शरीर में हाइड्रोजन परऑक्साइड उत्पन्न करता है. जो शरीर में इंफेक्शन खत्म करने में मददगार है.
– यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर के अनुसार 250 ग्राम दही में 275 मिलीग्राम कैल्शियम होता है. रोज इतना कैल्शियम न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि बोन डेंसिटी को भी बनाए रखने में मदद करता है.
– जो लोग लैक्टोज इनटॉलरेंट (जिन्हें दूध सूट नहीं करता) होते हैं वे दही का उपयोग कर सकते हैं. इससे उनके शरीर को वे सभी पोषक तत्व और प्रोटीन मिलेंगे जो दूध से मिलते हैं.
– दही के सेवन से स्ट्रेस कम होता है. घबराहट छुमंतर होती है. क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है.

दही के नुकसान
– अति हर चीज की बुरी होती है. ऐसे में ज्यादा दही का सेवन भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है.
– जिन लोगों को जोड़ों में दर्द और अर्थराइटिस की समस्या है वे इसे लेने से बचें. अगर दही फिर भी लेना चाहते हैं तो कमरे के तापमान पर दिन में ही लें.
– ज्यादा दही खाने से शरीर कई बार फूड्स से मिलने वाला आयरन और जिंक सोखने पर रोक लगाता है. ऐसे में इसका ज्यादा सेवन न करें.
– फिजिशियन कमिटी फॉर रेसपॉन्सिबल मेडिसिन का कहना है कि दही में गैलैक्टोज नामक शुगर पाई जाती है. जो लैक्टोज से बनती है. इससे ओवेरियन कैंसर का खतरा हो सकता है.
– द अमेरिकन जरनल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में छपे एक आर्टिकल के तहत बताया गया है कि दही के साथ अप्राकृतिक मिठास जैसे कॉर्न सिरप मिलाने से वजन बढ़ने का खतरा बढ़ सकता है.

वजन घटाने में मददगार दही
दही में फैट कम होता है और कैलोरी भी. ये मोटापे की समस्या से लड़ने में मदद करता है. इसमें मौजूद कैल्शियम, शरीर में कॉर्टिसॉल बनने से रोकता है. जिससे वजन बढ़ता नहीं बल्कि कम होता है. अगर रोज डायट में दही शामिल करते हैं तो मोटापे की ओर जाने से बच सकते हैं.

गर्भवती महिलाओं के लिए कैसे फायदेमंद दही
गर्भवती महिलाओं के लिए दही डायट में शामिल करना काफी अच्छा होता है. दही, प्रेग्नेंट महिला के ब्लड सेल्स और हिमोग्लोबिन नियंत्रित रखते में कारगर है.

घरेलू नुस्खों में शुमार दही
– घबराहट होने पर दही में हल्की चीनी मिलाकर पिएं. फायदा मिलेगा. मीठा पसंद न हो तो हल्का नमक और पानी मिलाकर दही छाछ के रूप में पी सकते हैं.

– दही में बेसन और एक चुटकी हल्दी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. इसे त्वचा पर लगाएं. सनटैन की समस्या दूर होगी.

– दही और चीनी को मिला लें. इसे त्वचा पर रगड़ें. डेड स्किन निकल जाएगी.

– दस्त और उल्टी के समय दही लेना अच्छा विकल्प है. ये आंतों में मौजूद एक्सट्रा तरल पदार्थों को सोखता है. डायरिया की समस्या दूर करता है.

त्वचा के लिए दही
– दही त्वचा को मॉइश्चराइज करता है. रूखी त्वचा को प्राकृतिक रूप से सुधारता है. जिन लोगों को मुंहासों की समस्या होती है उनके लिए दही, रामबाण की तरह काम करता है. दही में लैक्टिक एसिड पाया जाता है. जो एक प्रकार से एक्सफॉलिएटर (त्वचा से डेड सेल्स की परत उतारना) की तरह काम करता है. और काले दाग-धब्बे साफ करता है.

– एक कप दही में एक चम्चम शहद मिलाएं. दो मिनट के लिए मिलाकर रख दें. 20 मिनट के लिए इसे चेहरे पर लगाएं. नॉर्मल पानी से निकाल दें. त्वचा मुलायम होगी.

– एक कप दही में एक चुटकी हल्दी मिलाकर त्वचा पर लगाएं. निखार आएगा.

बालों के लिए दही
रूखे, बेजान बालों को घना और चमकदार बनाने के लिए दही सबसे अच्छा विकल्प है. इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड स्कैल्प को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व और मिनरल्स देता है. बालों के लिए ये एक तरह से कंडिशनर का काम करता है. दही के साथ थोड़ी मेहंदी मिलाएं. इसे बालों पर लगाएं. बाल मजबूत बनेंगे.

घर पर दही जमाने का तरीका
दो व्यक्तियों के लिए अगर आप दही जमा रहे हैं तो डेढ़ गिलास दूध लें. उसे हल्का गर्म कर लें. गहरे कटोरे में दो छोटे चम्मच जमा हुआ दही डालें. ऊपर से गर्म दूध डालें. एक दूसरा बर्तन लें. करीब 3 से 4 बार एक-दूसरे में इस मिक्सचर को पलटें. ढक्कर इसे किसी हल्की गर्म जगह पर जमने के लिए रख दें. ताजा दही खाने के साथ परोसें.

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