एक ठोकर से मिला करोड़ों का खजाना, यहां आज भी दफन है अरबों का खजाना

नई दिल्ली : आज हम आपको एक ऐसे खजाने के बारे में बता रहें हैं जो की आज भी तहखाने में दफन है। यह एक सच्ची ऐतिहासिक घटना है जो की अपने देश के मध्यप्रदेश के ग्वालियर राज परिवार से संबंधित है।

एक ठोकर से मिला करोड़ों का खजाना, यहां आज भी दफन है अरबों का खजाना

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यह घटना उस समय है जब अंग्रेज भारत में थे, उस समय ग्वालियर के राजा जयाजीराव थे, उस समय उनके पास में उनके पूर्वजों की अकूत दौलत थी जिसको उन्होंने छिपा कर किले में रखा था, किले की इस जगह को सिर्फ राजा ही जानते थे और इस जगह पहुंचने का मार्ग “बीजक” में लिखा था और छिपाए गए इस खजाने को “गंगाजली” कहा जाता था।

जयाजीराव जब अपनी उम्र के अंतिम दौर से गुजर रहें थे तब अचानक वह बीमार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई, वे इस खजाने का पता आगे राजा बनने वाले “माधवराव सिंधिया” को नहीं बता सके।
इस प्रकार से यह खजान उस गुप्त जगह पर ही दबा रह गया। माधवराव जब बड़े होकर राजा बने तब वे अचानक एक दिन वे अपने किले की एक गली से गुजर रहें थे कि अचानक एक ठोकर से उनका पैर फिसल गया और उन्होंने अपने बचाव में पास में लगें एक स्तंभ को पकड़ लिया। इस स्तंभ को पकड़ने पर वह स्वयं ही नीचे की और झुक गया और तब माधवराव को लगा कि अब उनको अपने पूर्वजों का खजाना मिल गया।
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