तो बिजली गिरने की घटनाओं का जिम्मेदार जलवायु परिवर्तन है?

जुबिली न्यूज डेस्क
कुछ दिनों पहले बिहार में जहां बिजली गिरने की वजह से एक साथ 87 लोगों की मौत हो गई थी तो उत्तर प्रदेश में 24 लोग की। हाल के कुछ सालों में ऐसी घटना सुनने को नहीं मिली थी कि आकाशीय बिजली गिरने से एक साथ इतने लोगों की मौत हुई हो। फिलहाल ऐसी घटनाओं के लिए विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में मौसम और अधिक कठोर हो सकता है और इसका कारण जलवायु परिवर्तन है।
ये भी पढ़े: कोविड-19 राहत पैकेज : सभी महिलाओं के जनधन खातों में नहीं पहुंचा पैसा
ये भी पढ़े:  वैज्ञानिकों का दावा-हवा से भी फैल रहा है कोरोना वायरस

इस साल मार्च महीने से अब तक बिहार में 215 लोगों की मौत बिजली गिरने के कारण हो चुकी है। इनमें किसान, खेती मजदूर और चरवाहे शामिल हैं। मानसून आने के साथ बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं तेज हो जाती हैं। इस साल मार्च महीने से अब तक अकेले बिहार में 215 लोगों की मौत बिजली गिरने के कारण हो चुकी है। इनमें किसान, खेती मजदूर और चरवाहे शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन इस तरह की घटनाओं का जिम्मेदार है।
बिहार के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने कहा है कि “मुझे मौसम विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने बताया कि जलवायु परिवर्तन से बढ़ते तापमान के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं अधिक हो रही है।” उन्होंन कहा कि चार जुलाई को 25 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले दिनों में बिजली के गिरने की और अधिक संभावनाएं हैं।
भारत में हर साल मानसून के समय में बिजली गिरना सामान्य घटना है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस साल बिहार में आसमानी आफत के कारण मौतों की संख्या पिछले कुछ सालों के सालाना संख्या को पार कर गई है। भारत में बिजली गिरने से हर साल जान के साथ-साथ संपत्ति का भी नुकसान होता आया है।
ये भी पढ़े : मनरेगा : जरूरी या मजबूरी
ये भी पढ़े :  पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का क्या है सच ?
ये भी पढ़े: दिल्ली पहुंचने के बाद भी राष्ट्रीय एजेंडे में नहीं

हर साल जून से लेकर सितंबर के महीने में देश के अलग-अलग राज्यों से बिजली गिरने और उससे होने वाले नुकसान की खबरें आती हैं, लेकिन बिहार में जून महीने में ही मौत के आंकड़े चिंता का सबब बन गए हैं। पिछले साल मानसून के दौरान बिजली गिरने से 170 लोगों की मौत हो गई थी।
बिहार के कृषि मौसम विज्ञानी अब्दुस सत्तार ने कहा कि बिजली और गरज का कारण वायुमंडल में बड़े पैमाने पर अस्थिरता, तापमान में वृद्धि और अत्यधिक नमी है। राज्य सरकार ने संभावित बिजली गिरने की भविष्यवाणी को लेकर मोबाइल ऐप लॉन्च किया है, लेकिन कई गरीब किसानों के पास स्मार्टफोन नहीं है। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 200 लोगों की मौत बिजली गिरने के कारण अप्रैल महीने से अब तक हो चुकी है।
राष्टï्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार 2018 में देश में 2,300 लोगों की मौत आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई थी।
ये भी पढ़े:  कोरोना काल में बदलते रिश्ते
ये भी पढ़े:   एमपी भाजपा में ये विरोध तो होना ही था
ये भी पढ़े:  कोरोना : कहां-कहां चल रहा है वैक्सीन पर काम 

Back to top button