तो अब इस आईडी से जोड़ा जाएगा ‘आधार’, आयोग ने शुरू की तैयारी

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करने के बाद मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया ‘आदेश के अनुरूप’ दोबारा शुरू की जाएगी. पीटीआई-भाषा से बातचीत में आयुक्त ने ये बात कही है.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा है कि निर्वाचन आयोग के सचिवालय को आधार और चुनावी राजनीति को अपराधमुक्त करने संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का अध्ययन करने के लिये कहा गया है.

आधार को उच्चतम न्यायालय द्वारा वैध करार देने के बाद वोटर आईडी से जोड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा- ‘यह परियोजना, अदालत में आधार का मामला विचाराधीन होने के कारण रोकनी पड़ी थी. अब फैसले के अध्ययन के बाद अदालत के आदेश के अनुरूप इसे फिर से शुरु किया जा सकेगा.’

रावत ने कहा कि मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिये फरवरी 2015 में आधार से मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने की योजना शुरु की गई. अगस्त 2015 में आधार की वैधता से जुडा मामला सर्वोच्च अदालत पहुंच गया. तब तक लगभग 33 करोड़ मतदाता पहचान पत्र आधार से जोड़े जा चुके थे.

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इसे आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले पूरा करने के सवाल पर उन्होंने कहा ‘‘योजना को शुरू करने भर की देर है. काम को यथाशीघ्र पूरा करने की कोशिश होगी. देखते हैं कि कितना समय लगता है.’’

अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के बारे में उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के संबंध में रावत ने कहा कि आयोग इस फैसले का भी अध्ययन कर इसे यथाशीघ्र लागू करने के उपाय करेगा. न्यायालय ने अपने फैसले में उम्मीदवारों को उनके खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी विभिन्न माध्यमों से मतदाताओं तक पहुंचाने को कहा था.

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