‘तेजस’ और ‘अर्जुन’ के नए वर्जन से सेना ने किया इंकार, विदेशी लड़ाकू वाहनों की उठाई मांग

भारतीय सेना और एयरफोर्स ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट तेजस और टैंक अर्जुन के एडवांस और सिंगल इंजन मॉडल पर भरोसा न जताते हुए विदेशी बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की मांग रखी है। इनको मेक इन इंडिया प्रोसेस के तहत सशस्त्र बल में शामिल करने का सुझाव दिया गया है।
'तेजस' और 'अर्जुन' के नए वर्जन से सेना ने किया इंकार, विदेशी लड़ाकू वाहनों की उठाई मांग
दरअसल, आर्मी को 1,770 टैंक्स की जरूरत है वही एयरफोर्स ने भी 114 सिंगल इंजन फाइटर प्लेन की मांग रखते हुए टेंडर निकाला है, लेकिन एयरफोर्स और आर्मी की मांग पूरा करना इतना भी आसान नहीं होगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र का सालाना बजट नए प्रोजेक्ट्स के लिए पर्याप्त नहीं है क्योंकि ज्यादातर पैसा पहले हो चुकी डील की किश्त के रूप में चुका दिया गया है। अगर अब मांगों को पूरा करना पड़ा तो सिर्फ एयरफोर्स के लिए 1.15 लाख करोड़ रुपए की जरूरत होगी।

‘स्वदेशी’ में क्या कमियां?

तेजस एयरक्राफ्ट का प्रोजेक्ट 1983 में सेंक्शन किया गया था। एयरफोर्स के मुताबिक, ये लड़ाई के लिए अभी भी तैयार नहीं हैं और फाइनल क्लीयरेंस भी जून 2018 तक मिलेगा। इनकी रेंज और हथियारों को लेकर जाने की क्षमता भी कम है। 

अर्जुन टैंक का प्रोजेक्ट 1974 में सेंक्शन किया गया था। आर्मी के मुताबिक ये भारी हैं और पुल और रेत को पार करने में इन्हें दिक्कत आती है। इनसे सीधा वार करना भी आसान नहीं होता।

 
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