तुर्की के राष्ट्रपति पाकिस्तानी संसद में कश्मीर पर उगला जहर, बोले-पाकिस्तान और तुर्की के रिश्ते…

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन गुरुवार को पाकिस्तान के दो दिवसीय दौर पर पहुंचे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने शुक्रवार को पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया और इस दौरान कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया.

एर्दोगन ने पाकिस्तान की सरकार को संसद सत्र को संबोधित करने का मौका देने के लिए शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा, जिस तरह से पाकिस्तान के लोगों ने हमारा स्वागत किया है, उसके लिए हम शुक्रगुजार हैं. यहां पाकिस्तान में कभी भी बिल्कुल अजनबीपन महसूस नहीं होता है. ऐसा लगता है कि हम अपने लोगों के साथ अपने घर में ही हैं.

उन्होंने कहा, आज के दौर में पाकिस्तान और तुर्की के रिश्ते दूसरों के लिए मिसाल बन गए हैं. कई देशों के लिए ईर्ष्या का विषय बन चुका तुर्की-पाकिस्तान का भाईचारा सच्चा भाईचारा है जो ऐतिहासिक घटनाक्रमों से मजबूत बना है. एर्दोगन ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे का भी कई बार जिक्र किया. एर्दोगन ने कहा, हमारे कश्मीरी भाई-बहन दशकों से बहुत कुछ झेल रहे हैं और हाल में उठाए गए एकतरफा कदमों की वजह से उनकी पीड़ा और बढ़ गई है.

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तुर्की राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भी कश्मीर मुद्दे पर संवेदनशील रुख अपनाया था. एर्दोगन ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा संघर्ष या दमन के जरिए नहीं सुलझाया जा सकता है बल्कि न्याय और पारदर्शिता में ही इसका हल है और ऐसा समाधान ही सभी पक्षों के हित में होगा.

एर्दोगन ने तुर्की-पाकिस्तान की दोस्ती के कई अध्यायों का जिक्र किया और कहा कि अतीत में पाकिस्तान ने हमेशा उनके देश का साथ दिया है. 1915 के युद्ध का जिक्र करते हुए एर्दोगन ने कहा कि जब हम डार्डेनेल्स स्ट्रेट को बचाने के लिए जंग लड़ रहे थे, 6000 किमी दूर लाहौर स्क्वॉयर में हमारे समर्थन में एक रैली की जा रही थी. लाहौर स्क्वॉयर में हुई इस ऐतिहासिक रैली में भारी संख्या में मुस्लिम इकठ्ठा हुए थे और ब्रिटिश हुकूमत के दबाव के बावजूद तुर्की के के लिए भारी मात्रा में चंदा जुटाया था.

एर्दोगन ने कहा, प्यारे भाइयों और बहनों आप से ज्यादा मैं किससे मोहब्बत और स्नेह करूं? हम कभी भी उस मदद को नहीं भूल सकते हैं जो हमारी आजादी की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान के लोगों ने की थी. तुर्की के कैनाकले में जो सौ साल पहले हुआ, वहीं कश्मीर में दोहराया जा रहा है. तुर्की इस दमन के खिलाफ अपनी आवाज उठाना जारी रखेगा.

एर्दोगन ने कहा, हमारी दोस्ती साझा हितों पर नहीं बल्कि प्रेम पर आधारित है. आज कश्मीर का मुद्दा जितना आपके दिल के करीब है, उतना ही हमारे भी है. अतीत की तरह हम भविष्य में भी पाकिस्तान को समर्थन देना जारी रखेंगे.

तुर्की के राष्ट्रपति ने आतंकवाद खत्म करने की कोशिशों के लिए पाकिस्तान की सराहना की. उन्होंने कहा, पाकिस्तान शांति और स्थिरता की राह पर है, लेकिन शांति और स्थिरता कुछ दिनों में नहीं आ जाती है, इस पर मेहनत करनी होगी. पाकिस्तान और तुर्की अपनी भौगोलिक स्थिति की वजह से आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं और हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान को सहयोग देना जारी रखेंगे. तुर्की के राष्ट्रपति ने इमरान खान को ये भी आश्वासन दिया कि एफएटीएफ से ब्लैकलिस्ट होने के खतरे से निकालने में भी पूरी मदद करेगा.

 

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