तीन महीने तक दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालने पर कोई शुल्क नहीं, सरकार ने दी कई और रियायतें

नई दिल्ली: सरकार ने कोरोना वायरस ‘कोविड-19’ से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर मंगलवार को आम लोगों तथा कारोबारियों को आयकर ब्याज में रियायत, रिटर्न तथा अन्य नियमों की पालना में कई प्रकार के छूट का ऐलान किया है। इनके अलावा आम जनता को कुछ और रियायतें दी गई हैं।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार ने कंपनियों को दी राहत
– तीन महीने तक दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा निकालने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
-खाताधाकों के लिए तीन महीने तक न्यूनतम बैलेंस की शर्त नहीं होगी।
-पांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने के वालों को विलंब शुल्क, जुर्माना और ब्याज नहीं देना होगा। पांच करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वालों को सिर्फ ब्याज देना होगा जिसकी दर घटाकर नौ फीसदी की गयी है।
-दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए चूक की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये की गयी है। पहले एक लाख रुपये की चूक होने पर भी दिवाला प्रक्रिया शुरू की जा सकती थी, अब एक करोड़ रुपये से कम की चूक पर कंपनी इसके दायरे में नहीं आयेगी।
-कंपनियों के लिए निदेशक मंडल की बैठक के मामले में भी छूट दी गयी है। अगली दो तिमाहियों के लिए बैठक बुलाने में 60 दिन की देरी को देरी नहीं माना जायेगा।
–कंपनियों के निदेशकों के कम से कम 182 दिन भारत में रहने की अनिवार्यता भी इस वर्ष लागू नहीं होगी।
-एमसीए-21 रजिस्ट्री को 30 सितंबर 2020 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यदि किसी कंपनी के स्वतंत्र निदेशक इस साल एक भी बैठक नहीं करते हैं तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।
-मात्स्यिकी क्षेत्र के लिए भी कई प्रकार की छूट दी गयी है। गत 01 मार्च से आगामी 15 अप्रैल के बीच जिनकी सेनेटरी आयात मंजूरी की अवधि समाप्त हो रही थी उन्हें तीन महीने की छूट दी गई है।

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