ताम्रजल का सेवन, एनीमिया से ग्रस्त लोगों के लिए फायदेमंद है

तांबे के बर्तन की कुछ ऐसी विशेषताएं हैं जिनकी वजह से इनमें पानी पीने से कई तरह की बीमारियों में लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखे जल को ताम्रजल कहा जाता है। आयुर्वेद कहता है कि ताम्रजल को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा के ही ठीक हो जाते हैं।
ताम्रजल के फायदे:
तांबे के बर्तन में रखा पानी शरीर में कॉपर की कमी को पूरा करता है। इससे बीमारी फैलाने वाले बैक्टीरिया से शरीर की रक्षा होती है। इसके अलावा गठिया रोग में भी तांबे में रखा जल काफी लाभकारी है।
तांबे का जल शरीर में यूरिक एसिड को कम करता है इससे गठिया रोग से काफी राहत मिलती है। एनीमिया से ग्रस्त लोगों को ताम्रजल का नियमित सेवन करना चाहिए।
इसी के साथ ताम्रजल में भरपूर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। यह कैंसर जैसे रोगों से लड़ने में काफी मदद करते हैं।
तांबे का जल कफ, पित्त और वात की समस्या को भी दूर करता है। ताम्रजल का सेवन पाचन संबंधी परेशानी को दूर करने का सबसे बेहतर उपाय है।
Back to top button