तबाह हो जाएगी पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, क्योंकि…

आतंकी संगठनों की फंडिंग की निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था ‘फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स’ (FATF) की ग्रे लिस्ट में डाले जाने के बाद अब पाकिस्तान पर एशिया पैसिसिफ समूह (एपीजी) से ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है.

एशिया पैसेफिक ग्रुप (एपीजी) FATF से संबद्ध नौ क्षेत्रीय संगठनों में से एक है. एपीजी की ऑस्ट्रेलिया के कैनबरा में बैठक होने वाली है जिसमें पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी कार्रवाई का मूल्यांकन किया जाएगा.

पाकिस्तान ने बुधवार को एफएटीएफ के आतंकवाद-निरोध के लिए बने 27 सूत्रीय ऐक्शन प्लान पर अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. एपीजी ने अपने शुरुआती मूल्यांकन में पाया है कि इस्लामाबाद की आतंक के खिलाफ कार्रवाई में कई सारी खामियां हैं.

वैश्विक संस्था एपीजी ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद को रोकने में पाकिस्तान की कोशिशों को नाकाफी बताया है. पाकिस्तान की करीब 50 मानकों पर खराब ग्रेडिंग है. वहीं, 11 अहम मानकों में से 10 में पाकिस्तान का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया.

पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का जबरदस्त वैश्विक दबाव है. भारत के अलावा, यूएस, फ्रांस, जर्मनी, यूके की कोशिशों के बाद एफएटीएफ ने जून 2018 से ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. अब एपीजी की नकारात्मक रिपोर्ट के बाद इस्लामाबाद की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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अधिकारियों का मानना है कि एफएटीएफ के सारे सुझावों पर अमल करने में कम से कम दो साल का वक्त और लग जाएगा यानी तब तक पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में ही रहेगा. सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को एफएटीएफ के 27 सूत्रीय ऐक्शन प्लान की जगह एक नया प्लान भी मिल सकता है जिसमें करीब 150 से ज्यादा शर्तें शामिल होंगी.

पाकिस्तान के लिए अक्टूबर 2019 तक की डेडलाइन है, अगर पाकिस्तान इस वक्त तक वैश्विक संस्थाओं को आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई से आश्वस्त नहीं कर पाता है तो फिर वह ग्रे लिस्ट से ब्लैकलिस्ट में पहुंच सकता है.

ब्लैकलिस्ट होने की स्थिति में आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए कई चुनौतियां एक साथ पेश हो जाएंगी. पाकिस्तान की बदहाल अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय व्यवस्था से बिल्कुल कट जाएगी. इसके अलावा, पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मई में स्वीकृत हुए 6 अरब डॉलर के रेस्क्यू पैकेज पर भी खतरा मंडराएगा और उसकी अर्थव्यव्यवस्था की विश्वसनीयता खराब होने से निवेश भी गिर जाएगा.

पाकिस्तान में आईएमएफ प्रतिनिधि टेरेसा डबन एफएटीएफ की तरफ से आने वाले किसी भी नकारात्मक फैसले को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर चुकी हैं.

इसी वैश्विक दबाव और ब्लैकलिस्ट होने के डर से पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर हुआ है. हालांकि, उस पर ब्लैकलिस्ट होने का खतरा इतनी आसानी से नहीं जाने वाला है.

 

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