डोईवाला:पारा चढ़ते ही लच्छीवाला हुआ गुलजार

र्मी बढ़ते ही लच्छीवाला नेचर पार्क गुलजार होने लगा है। रविवार को अच्छी खासी तादाद में पर्यटकों ने पार्क में पहुंचकर जलक्रीड़ा का आनंद लिया। सीजन शुरू होने के साथ ही प्रतिदिन हजारों पर्यटक नेचर पार्क पहुंच रहे हैं। राजधानी देहरादून के मुख्य पर्यटक स्थलों में से एक लच्छीवाला नेचर पार्क इन दिनों सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। घने पेड़ों की शीतल छाया पर्यटकों को लुभाने का काम करती है।

लच्छीवाला नेचर पार्क में हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा के अलावा ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की आदि के पर्यटक भी पहुंचते हैं। अप्रैल, मई और जून माह को सीजन के रूप देखा जाता है। हालांकि पूरे वर्ष भर पर्यटकों की आमद होती है, लेकिन इन तीन माह में रिकार्ड पर्यटक आते हैं। अवकाश के दिनों में नेचर पार्क पूरी तरह से फुल हो जाता है। वन क्षेत्राधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि विभाग की ओर से पर्यटकों के लिए पर्याप्त सुविधाऐं मुहैया कराई गई हैं। पर्यटन सीजन के दौरान विभाग सभी व्यवस्थाओं को पुख्ता रखा जाता है। सीजन में प्रतिदिन औसतन दो हजार पर्यटक पहुंचते है। रविवार को पांच पर्यटक लच्छीवाला नेचर पार्क पहुंचे थे।

गर्मी के सीजन में मिट्टी के कैंपर बने पहली पसंद
गर्मी के सीजन में मिट्टी के कैंपर लोगों की पहली पसंद बनने लगे हैं। देसी फ्रिज कहे जाने वाले घड़े और सुराही के अलावा इस बार बाजारों में मिट्टी के कैंपर की मांग बढ़ी है। गर्मी में लोग घड़े और सुराही के पानी को पीने के लिए अधिक उपयोग कर है। जानकारों की मानें तो गर्मी में घड़े और सुराही के पानी को फ्रिज के पानी से बेहतर है। इसलिए गुजरात की सफेद मिट्टी से बने पानी के कैंपर की काफी डिमांड है। नगर पालिका डोईवाला के प्रेमनगर बाजार में गर्मियों में पानी के कैंपर समेत इन सभी मिट्टी के बर्तनों का बाजार सजा है। मिट्टी के कैंपर की कीमत 150 से 500 तक और घड़े और सुराही की 100 से 150 तक की है। विक्रेता बाबा विशाल प्रजापति ने बताया कि सस्ते मूल्य के मिट्टी घड़े, सुराही और कैंपर का पानी काफी फायदेमंद होता है।

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