डॉक्टर का कत्ल, दुपट्टे से घोंटा गया गला, हत्या में महिला के होने की अाशंका

होशियारपुर.एसएसपी की कोठी के पड़ोस की कोठी में रह रहीं शहर की मशहूर चिकित्सक डा. मंजू शर्मा (70) की शुक्रवार को दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या कर दी गई। साक्ष्यों को देखकर लगता है कि बुजुर्ग डॉक्टर ने जान बचाने के लिए काफी कोशिश की पर हत्यारे के आगे उनकी एक न चली।
डॉक्टर का कत्ल, दुपट्टे से घोंटा गया गला, हत्या में महिला के होने की अाशंका
हत्यारे ने उनका गला इतनी बेरहमी से घोंटा कि दुपट्टे के दो टुकड़े हो गए। हत्या का मोटिव साफ नहीं हो सका है, क्योंकि लूटपाट का कोई एंगिल सामने नहीं आया है। घटना स्थल पर चूड़ियों के टुकड़े मिलने से स्पष्ट है कि हत्या में कोई महिला भी साथ थी, क्योंकि डा. मंजू खुद चूड़ियां नहीं पहनती थीं। मेन एविडेंस मानते हुए पुलिस ने चूड़ियों के टुकड़े का सैंपल जांच के लिए ले लिया है। हत्यारे को उनके रहन-सहन और दिनचर्या के बारे में पूरा पता था। उधर, पुलिस ने हत्या की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन देर रात खबर लिखे जाने तक हत्यारों का कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लग सका था।

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शुक्रवार को एसएसपी की कोठी से मात्र तीसरी कोठी में डॉ. मंजू शर्मा का कत्ल कर दिया गया और कत्ल की जानकारी देर रात 12 बजे के करीब मिली। माना जा रहा है कि कत्ल दोपहर दो से तीन बजे के बीच हुआ होगा। डॉ. शर्मा 35 साल से कोठी में अकेले ही अस्पताल चला रही थी और समाजसेवी संस्था के साथ सामाजिक कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लेती थीं। पति डॉ. देवदत्त शर्मा के निधन के बाद उन्होंने खुद को सामाजिक कार्यों में व्यस्त रखा हुआ था। माल रोड पर अपने अस्पताल के आखिरी हिस्से में डॉ मंजू रहती थीं। उनका बेटा डॉ. दीपक शर्मा हरियाणा के करना में सरकारी अस्पताल में डॉक्टर है, जबकि बेटी हिना कनाडा में पति के साथ रहती है।

 
मोबाइल व लैंडलाइन फोन न उठाने पर बेटे को हुआ शक
डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि उन्होंने शुक्रवार दोपहर साढ़े तीन बजे मां डॉ मंजू शर्मा को फोन किया। जब मोबाइल नहीं उठा तो उन्होंने लैंडलाइन पर डायल किया। जब लैंडलाइन से भी जवाब नहीं मिला तो यह सोच कि कोई अनहोनी न हुई हो तो उन्होंने पुलिस में अपने परिचित को फोन कर पता लगाने भेजा। जब परिचित अस्पताल पहुंचे तो गेट खुला था और अंदर जाकर देखा तो डॉ. मंजू की लाश जमीन पर पड़ी थी और सिर से खून निकला हुआ था।
 
जान बचाने के लिए किया विरोध पर पेश नहीं चली
जिस कमरे में डॉ. मंजू का कत्ल किया गया वहां मौके पर देखने को लगता है कि जान बचाने के लिए उन्होंने कोशिश की थी। चूंकि पास की बिल्डिंग खाली पड़ी है, लिहाजा उन्होंने बचाव के लिए अगर शोर भी मचाया होगा तो किसी को सुनाई नहीं दिया होगा। घर में सीसीटीवी भी नहीं लगा है। सामने वाला घर भी सड़क से दूर है। वहां भी कैमरा लगा होगा तो भी हत्यारे की पहचान मुश्किल होगी। जब डॉ. मंजू का गला घोटा गया तो उन्होंने छुड़ाने का प्रयास किया और बेड से नीचे गिर पड़ीं। उनके सिर पर चोट लगीं, जिसके खून के निशान फर्श पर थे। घटना की जानकारी मिलते ही बेटे समेत उनके भाई विनय शर्मा भी पहुंच गए। पोस्टमार्टम के बाद डॉ. मंजू का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
 
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