डिजिटल इंडिया के लिए अब टेलिकॉम पॉलिसी ने लिया यू-टर्न?

केन्द्रीय टेलिकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि देश में टेलिकॉम मंत्रालय का काम सिर्फ सरकार के लिए रेवेन्यू एकत्र नहीं है. टेलिकॉम मंत्रालय के ऊपर देश में डिजिटल और अन्य सेवाएं को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी भी है.

टेलिकॉम मंत्री द्वारा दिया यह बयान संकेत देता है कि जल्द आने वाली टेलिकॉम नीति में बड़े फेरबदल किए जा सकते हैं. जहां मौजूदा समय में टेलिकॉम सेक्टर की शिकायत है कि केन्द्र सरकार स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए इंडस्ट्री से लेवी और बेस प्राइस के नाम पर बड़ा रकम वसूल लेती है. अब टेलिकॉम मंत्री के इस बयान के बाद इंडस्ट्री के पक्ष को रखते हुए केन्द्र सरकार अपनी टेलिकॉम नीति में फेरबदल कर सकती है.

इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि टेलिकॉम मंत्रालय को डिजिटल इंडिया प्रोजक्ट को पूरी तरह लॉन्च करने में अहम भूमिका है. डिजिटल इंडिया तैयार होने का फायदा दूसरे सेक्टरों को भी मिलेगा. 

गौरतलब है कि 2010 से 2016 के बीच केन्द्र सरकार को स्पेक्ट्रम की 6 निलामी में कुल 3,48,467 करोड़ के राजस्व का फायदा हुआ था.

टेलिकॉम इंडस्ट्री से स्पेक्ट्रम के लिए बतौर टैक्स इतनी बड़ी रकम वसूले जाना एक प्रमुख कारण है कि मौजूदा समय में टेलिकॉम कंपनियों पर 7.7 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बोझ है. इसके साथ टेलिकॉम कंपनियों का दावा है कि टेलिकॉम सेवा से हो रही कमाई के एक रुपये में उन्हें 30 पैसे बतौर टैक्स देना पड़ता है.

केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार मार्च में देश की नई टेलिकॉम नीति लेकर आ रही है. नई नीति में टेलिकॉम सेक्टर का स्वास्थ सुधारने के कई प्रावधान होंगे. इसके साथ ही नई नीति में केन्द्र सरकार डिजिटल इंडिया को सफल करने के लिए जो भी प्रावधान जरूरी समझेगी को शामिल किया जाएगा.

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