टेक्नोलॉजी ने बच्चों को मशीन बना दिया: बॉन्ड

भोपाल.टेक्नोलॉजी ने नाजुक दिल बच्चों को मशीन बना दिया है। इनकी सोच भी सीमित होती जा रही है। मैं यह बदलाव पिछले 50 साल से देख रहा हूं। इसलिए चाहता हूं कि मैं जब इस जहां से विदा लूं तो इन बच्चों की ढेर सारी नेचर की कहानियां, अच्छी सीख, रिश्तों की अहमियत और अपने गांव, गलियों की महत्ता को समझाने वाली बातें दे सकूं। यह बात साझा की वर्ल्ड फेमस चाइल्ड एंड नेचर राइटर रस्किन बॉन्ड ने। वे द ग्रेट इंडियन फिल्म एंड लिटरेचर फेस्टिवल सीजन-2 में 5 अगस्त को शामिल हो रहे हैं।
टेक्नोलॉजी ने बच्चों को मशीन बना दिया: बॉन्ड
 
भोपाल में पहली बार आ रहे रस्किन बॉन्ड ने बताया कि इन दिनों मैं अपने बचपन की कहानियों को एक बायोग्राफी में लिख रहा हूं। पिछले दिनों इसका एक पार्ट ‘लुकिंग फॉर द रेनबो’ प्रकाशित हुई है। अभी मैं अपने 1947 के समय की कहानियों को पिरोने का काम कर रहा हूं। जहां देश के विभाजन के समय मेरे बालमन की स्थित और संबंधों के प्रभाव को लिख रहा हूं। जो आज के बच्चों के लिए सीख वाला होगा।

ये भी पढ़े : आप भरोसा रखिए, जल्द अन्य राज्यों की तरह यूपी में भी होगा कानून का राज: अमित शाह

4 अगस्त को फेस्टिवल में शामिल होने आ रहे अभिनेता रजत कपूर ने बताया कि नथिंग लाइक लियर शेक्सपीयर के किंग लियर से बहुत अलग है। कहीं न कहीं प्लॉट बिलकुल वही है, लेकिन इसका लियर शेक्सपीयर के लियर से बहुत अलग है। इस नाटक के पहले मैंने हैमलेट और मैकबेथ पर भी काम किया है, जो मेरे पसंदीदा नाटकों में से एक हैं।

थिएटर से मुझे हमेशा प्यार रहा है, यही वजह है कि फिल्मों में बिजी होने के बाद भी मैं वक्त निकाल लेता हूं। हम तकनीक के मामले में पहले से ही इतने पीछे हैं कि रंगमंच पर तकनीकी रूप से कोई बड़ा बदलाव आने वाले सालों में भी नजर नहीं आता, वहीं कंटेंट को बेहतर बनाने की कोशिश सभी करते हैं, मैं भी। भोपाल हबीब तनवीर, बव कारंत और बंसी कौल का शहर है। इस शहर में रंगमंच करना बड़ा ही मुश्किल होता है।
मैं इन दिनों अपनी अगली फिल्म को बनाने के लिए क्राउड फंडिंग के लिए काम कर रहा हूं। लोग मुझे 500 से लेकर 10 लाख रुपए तक डोनेट कर सकते हैं। उम्मीद पर दुनिया कायम है, ऐसा सुना है, इसीलिए अभी दो दिनों पहले क्राउड फंडिंग कैंपेन को शुरू किया। स्क्रिप्ट तैयार है, फंड एकत्रित होते ही इस पर काम शुरू कर दूंगा। 
Back to top button