‘टफी’ बचाने के लिए ये महिला तेंदुए को मारती रही पत्थर, फिर हुआ चमत्कार

अपने प्यारे टफी को बचाने के लिए इस महिला ने तेंदुआ का जंगल तक पीछा किया और उसे पत्‍थर मारती रही। फिर एक चमत्कार हुआ। जानिए पूरा मामला…
'टफी' बचाने के लिए ये महिला तेंदुए को मारती रही पत्थर, फिर हुआ चमत्कार
अल्मोड़ा जनपद के कोसी घाटी में एक महिला ने बहादुरी की मिसाल पेश की है। घर के बरामदे से तेंदुआ इस महिला का पालतू कुत्ता उठा ले गया। खुद के जान की परवाह किए बगैर वह पीछे दौड़ पड़ी। करीब 200 मीटर दूर जंगल में उसका तेंदुए से सामना हुआ। 

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दरअसल, खैरना व गरमपानी बाजार से लगे थुआ के जंगल में बीती शाम से ही तेंदुआ गश्‍त लगाता रहा था। आबादी की ओर बढ़ने के बाद वह झाड़ियों में घात लगा बैठ गया। 

जब महिला व तेंदुए आमने-सामने आ गए

तभी बाजार क्षेत्र में कैलाश तिवारी के बरामदे से उसके कुत्ते (टफी) को उठा ले गया। हाईवे पार कर जबड़े में कैद कुत्ते को लेकर वह जंगल की ओर निकल गया। इससे बाजार में हड़कंप मच गया। 

बगैर देर किए कैलाश की पत्नी हेमा चीखती चिल्लाती पीछे दौड़ी। हाईवे से करीब 200 मीटर दूर जंगल में महिला व तेंदुए आमने-सामने आ गए। जान जोखिम  में डाल हेमा तेंदुए को पत्थर मार मार कर रोकती रही। 

इधर जबड़े में शिकार होने के कारण तेंदुआ हिंसक हो सकता था, लेकिन  महिला ने हिम्मत नहीं छोड़ी। आखिर में दांत गढ़ा दिए जाने से घायल कुत्ते को तेंदुए से छुड़ा कर गिरती पड़ती घर पहुंच गई। इस दौरान वह खुद भी चोटिल हुई।

 
 
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