ज्योतिषशास्त्र के अनुसार इंसान का अंगूठा खोलता है उसके कई अनकहे राज़

हर इंसान के अंदर एक दूसरे को जानने की उत्सुकता बनी रहती है। हालांकि इतनी आसानी से किसी अंजान व्यक्ति को जान पाना काफी मुश्किल होता है। आमतौर पर जब तक हम उससे घुल-मिल नहीं जाते तब तक किसी भी व्यक्ति को पहचान पाना मुश्किल होता है। लेकिन वहीं अगर ज्योतिषशास्त्र की बात करें तो, इसके माध्यम से आप किसी भी व्यक्ति को देखने मात्र से उसके व्यक्तित्व के बारे में बहुत सी बाते पता कर सकते हैं। आज हम आपसे कुछ इसी सिलसिले पर चर्चा करने वाले हैं। यहां पर हम इंसान के हाथ के अंगूठे के द्वारा उसके बारे में कई राज की बातें जानने की कोशिश करेगें। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से….

हाथ का अंगूठा देखकर व्यक्ति के चरित्र को पहचाना जा सकता है। शास्त्रों के मुताबिक अंगूठा वह धुरी है, जिस पर इंसान का पूरा जीवन चक्र घूमता रहता है। कहा जाता है सफलता दिलवाने के लिए अंगूठा सुडौल, सुंदर और संतुलित होना चाहिए। शास्त्रों में अंगूठे को मस्तिष्क का केंद्र बिंदु बताया गया है। अंगूठे का पहला पोर इंसान की मजबूत इच्छाशक्ति का सूचक होता है। दूसरा पोर तर्क और कारण का तथा तीसरा इंसान के मनोविकार को प्रकट करता है।

अंगूठे की जड़ से व्यक्ति के आचरण को जाना जा सकता है। कहा जाता है अंगूठे की जड़ में जितनी सीधी रेखाएं होती है उसके उतनी ही संतान होती है। जिन महिलाओं के अंगूठे पर तारे का निशान बना हो तो वह बहुत भाग्यशाली मानी जाती है। इसके अलावा अंगूठे की जड़ से कोई एक रेखा शुक्र के ऊपर से होकर आयु रेखा से मिल जाए तो यह बहुत ज्यादा धन मिलने की ओर इशारा करती है।

पहला पोरा मोटा, भारी और छोटा हो तो वह व्यक्ति अचानक गुस्से में आकर किसी को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि किसी का पहला पोरा चपटा और छोटा हो तो वह व्यक्ति अपने गुस्से पर आसानी से कंट्रोल कर सकता है। यदि अंगूठे का दूसरा पोर बड़ा हो तो वह व्यक्ति किसी कारण और तर्क को अच्छे से पेश कर सकता है।  कहा जाता है छोटे अंगूठे में काम विकृति पैदा हो सकती है।

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