जेबीटी शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के बाद अब होेंगे पक्‍का…

हरियाणा के जेबीटी शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। शिक्षा विभाग में एडहॉक पर लगे जेबीटी (जूनियर बेसिक ट्रेंड) शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने के बाद अब इन्हें पक्का करने की तैयारी है। संयुक्त मेरिट लिस्ट के चलते नौकरी से बाहर हुए अन्य जेबीटी को भी स्कूलों में समायोजित किया जाएगा।

संयुक्त मेरिट लिस्ट के चलते नौकरी से बाहर हुए जेबीटी भी स्कूलों में किए जाएंगे समायोजित

2 अगस्त को ही सरकार ने तदर्थ आधार पर लगे जेबीटी अध्यापकों का मानदेय 21 हजार 715 रुपये से बढ़ाकर 26 हजार रुपये मासिक किया था। अब इन्हें पक्का करने की कवायद शुरू हो गई है। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों से अभी तक ज्वाइन करने या ज्वाइन नहीं करने वाले चयनित जेबीटी का रिकॉर्ड मांगा है। इसके बाद रिक्त पदों पर एडहॉक जेबीटी को लगाया जाएगा।

मौलिक शिक्षा निदेशक ने तलब किया ज्वाइन कर चुके जेबीटी और  रिक्त पदों का ब्योरा

मौलिक शिक्षा निदेशालय ने विगत पहली फरवरी, 14 व 15 फरवरी, 26 फरवरी, 7 और 8 मार्च तथा 3 जून को जेबीटी को स्टेशन अलॉट किए थे। इसके बावजूद अभी तक 500 जेबीटी ने ज्वाइन नहीं किया है। अब इनकी उम्मीदवारी रद कर रिक्त पदों पर एडहॉक जेबीटी को लगाया जाएगा। इससे वेटिंग लिस्ट में शामिल 700 जेबीटी में से 500 को एडजस्ट करने का रास्ता भी खुल जाएगा।

विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश सरकार की कोशिश चुनाव आचार संहिता से पहले एडहॉक पर लगे जेबीटी को पक्का करने और प्रतीक्षारत शिक्षकों को एडजस्ट करने की है। हाईकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2011 और 2013 की संयुक्त मेरिट लिस्ट बनाए जाने से 1259 जेबीटी को नौकरी से निकाला गया था। बाद में सरकार ने इन्हें एडहॉक आधार पर नियुक्ति दे दी थी। इनमें से अब भी 903 जेबीटी एडहॉक पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि करीब 700 जेबीटी प्रतीक्षा सूची में हैं।

वहीं, जस्टिस सूर्यकांत के 8 जून 2017 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए सरकार हाईकोर्ट में याचिका लगाने की तैयारी में है। जस्टिस सूर्यकांत ने अपने फैसले में 2011 और 2013 की ज्वाइंट मेरिट लिस्ट बनाकर 9870 पद पर ही नियुक्तियां देने का निर्देश दिया था। हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सभी चयनित जेबीटी को नियमित करने की अनुमति मांगी जाएगी।

पहले स्कूल बंद करने का नोटिस, फिर चोर दरवाजे से दी मान्यता

सोनीपत में कुछ स्कूलों को नियमों को दरकिनार कर मान्यता देने का मामला सामने आया है। जिला मौलिक शिक्षा निदेशालय में लिखित शिकायत देने पहुंचे गांव बड़ी निवासी सुमित कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बगैर मान्यता चल रहे स्कूलों के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की हुई है।

पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने तीन स्कूलों को बंद करने का नोटिस थमाया था, लेकिन निदेशालय स्तर पर अंदरखाते दो स्कूलों को मान्यता भी दे दी गई। इन स्कूलों में न पर्याप्त स्टाफ है और न उचित भवन। इन स्कूलों की मान्यता रद की जाए ताकि 3 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सही तस्वीर प्रस्तुत की जा सके।

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