जीएसटी काउंसिल की बैठक में हो सकता है ये बड़ा फैसला

विदेशी और घरेलू पर्यटकों को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल होटलों पर टैक्स घटा सकती है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 20 सितंबर को गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में 7500 रुपये प्रतिदिन से अधिक टैरिफ वाले होटल कमरों पर जीएसटी की दर 28 परसेंट से घटाकर 18 परसेंट की जा सकती है। इसी तरह आउटडोर कैटरिंग पर भी जीएसटी की दर 18 परसेंट से घटाकर पांच परसेंट (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बगैर) की जा सकती है।

हालांकि, सरकार से प्रोत्साहन पैकेज की मांग कर रहे ऑटो सेक्टर को काउंसिल से निराशा हाथ लग सकती है। सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक के लिए जीएसटी रेट से संबंधित जो एजेंडा तैयार किया गया है, उसमें 400 से 500 वस्तुओं और सेवाओं का जिक्र है, लेकिन इनमें से कुछ ही वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर घटाने की सिफारिश फिटमेंट कमेटी ने की है।

फिटमेंट कमेटी में केंद्र और राज्य दोनों के अधिकारी शामिल होते हैं और किसी भी वस्तु या सेवा पर जीएसटी की दरें यही कमेटी निर्धारित करती है। कमेटी ने होटलों पर जीएसटी घटाने के दो विकल्प सुझाए हैं। पहले विकल्प के तहत प्रतिदिन 7500 रुपये से ज्यादा टैरिफ वाले होटल के कमरे पर जीएसटी की दर 28 परसेंट से घटाकर 18 परसेंट करने की सिफारिश की है। दूसरे विकल्प के तहत 7500 रुपये प्रतिदिन टैरिफ की सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये या 12,000 करने की सिफारिश की है ताकि अधिकांश होटल कमरे 18 परसेंट या इससे कम जीएसटी के दायरे में आ सकें।

सूत्रों ने कहा कि कमेटी ने रेस्तरां की तर्ज पर आउटडोर कैटरिंग के लिए जीएसटी की दर 18 परसेंट से घटाकर पांच परसेंट (इनपुट टैक्स क्रेडिट के बगैर) करने की सिफारिश की है। इसी तरह माचिस, कप व प्लेट्स पर जीएसटी की दर घटाने की सिफारिश की है। सूत्रों ने कहा कि काउंसिल ऑटो सेक्टर के लिए जीएसटी की दरें कम करने से परहेज कर सकती है। ऑटो सेक्टर कारों की बिक्री में गिरावट का हवाला देते हुए जीएसटी दर घटाने की मांग कर रहा है।

सूत्रों ने कहा कि फिटमेंट कमेटी ने अपना मत दिया है कि इस क्षेत्र के लिए टैक्स में कटौती करने से सरकार के खजाने पर सालाना 50 से 60 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ सकता है। इसी तरह काउंसिल बिस्कुट उद्योग की जीएसटी कम करने की मांग को भी खारिज कर सकती है। गौरतलब है कि विदेशी पर्यटकों को भारत के होटलों में ठहरने के लिए काफी अधिक टैक्स चुकाना पड़ता है जबकि दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य देशों में होटलों पर टैक्स की दर अपेक्षाकृत कम है।

इसके चलते बहुत से पर्यटक दूसरे देशों का रुख कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले से संबोधित करते हुए देशवासियों को 2022 से पहले कम से कम 15 पर्यटन केंद्र घूमने का आह्वान किया था। माना जा रहा है कि काउंसिल का कदम पर्यटन को बढ़ावा देने में कारगर साबित हो सकता है।

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