जीएमसी प्रशासन ने जो प्रस्ताव एमसीआइ को सौंपा है उसमें इसी सत्र से सीटें बढ़ाने के लिए कहा गया है…

राजकीय मेडिकल कॉलेजों (जीएमसी) में आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10 फीसद आरक्षण देने के लिए 10 फीसद सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मंगलवार को सीटें बढ़ाने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को एक प्रस्ताव भेजा है। यही नहीं पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटें बढ़ाने के लिए भी एमसीआइ को दो अलग प्रस्ताव भेजे गए हैं। अगर यह स्वीकार हो जाते हैं तो हर एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर को पीजी की सीट मिलना तय हो जाएगा।

इस समय जीएमसी में एमबीबीएस की 150 सीटें हैं। केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों के लिए 10 फीसद सीटें आरक्षित करने को मंजूरी दी है। राज्यपाल प्रशासन ने भी इसे मंजूरी दे दी है। अगर वर्तमान सीटों के लिहाज से देखा जाए तो 15 सीटें ऐसे उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हो जाएंगी, लेकिन जीएमसी प्रशासन ने एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है जिसमें एमबीबीएस की मौजूदा सीटों में 15 सीटें बढ़ाने का अनुरोध किया है। अगर ऐसा हो जाता है तो राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू में एमबीबीएस की सीटें 150 से बढ़कर 165 हो जाएंगी। इसका लाभ जम्मू के विद्यार्थियों को होगा।

इसी सत्र से सीटें बढ़ाने को कहा गया है

जीएमसी प्रशासन ने जो प्रस्ताव एमसीआइ को सौंपा है, उसमें इसी सत्र से सीटें बढ़ाने के लिए कहा गया है। इस पर फैसला इसी महीने के अंत तक हो जाएगा। वहीं, वर्ष 2020-21 के लिए भी जीएमसी प्रशासन ने एमसीआइ को पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटें 10 फीसद बढ़ाने के लिए कहा है। इस समय जीएमसी जम्मू में पीजी की 173 सीटें हैं। जीएमसी प्रशासन ने 19 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने के लिए कहा है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो अगले साल से पीजी की सीटें 192 हो जाएंगी। एक सीट बढऩे से संस्थान को 1.2 करोड़ रुपये मिलेंगे। प्रस्ताव नोडल अधिकारी डॉ. विशाल टंडन ने जीएमसी की ङ्क्षप्रसिपल डॉ. सुनंदा रैना को सौंपे। इसके बाद इन्हें एमसीआइ के सचिव को सौंप दिया गया।

हर एमबीबीएस को मिलेगी पीजी की सीट

मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एमसीआइ को एक और अहम प्रस्ताव भेजा है। अगर इसे मंजूरी मिलती है तो एमबीबीएस करने वाले सभी डॉक्टरों को पीजी की सीट मिलना लगभग तय हो जाएगा। एमसीआइ ने चार अप्रैल 2019 को अधिसूचना जारी की है। इसमें पीजी सीटों के लिए अलग नियम बनाए जा रहे हैं। इसके तहत एक प्रोफेसर के अधीन तीन एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कर सकते हैं। इसी तरह अगर एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर पद के लिए योग्य है और पद न होने के कारण उसकी पदोन्नति नहीं हो रही है। वह अपनी यूनिट का हेड है। उसके अधीन भी तीन एमबीबीएस डॉक्टर पीजी कर सकेंगे। यह क्लीनिकल और नान क्लीनिकल विभागों के डॉक्टर दोनों के लिए है। जीएमसी प्रशासन ने एमसीआइ को इसके तहत भी सीटें बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजा। अगर यह भी मंजूर हो जाता है तो इससे पीजी की सीटें इतनी बढ़ जाएंगी कि हर एमबीबीएस करने वाले डॉक्टर को पीजी की सीट मिलना तय हो जाएगा। यह प्रस्ताव वर्ष 2020-21 के लिए भेजा है।

प्रस्ताव मंजूर होने पर जम्मू को होगा लाभ

डॉ. सुनंदा जीएमसी की प्रिंसिपल डॉ. सुनंदा रैना का कहना है कि अगर केंद्र सरकार इन तीनों प्रस्तावों को मान लेती है और एमसीआइ एमबीबीएस और पीजी की सीटें बढ़ा देती है तो इससे जम्मू को बहुत लाभ होगा। इससे जम्मू में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी पूरी होगी। उन्होंने कहा कि विभाग के प्रमुख सचिव और सलाहकार के प्रयासों के कारण ही ऐसा संभव हो पाया है। 

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