जिंदा को मृत बताकर सड़क पर ही कर दिया पोस्टमार्टम, अब ‘मुर्दे’ की हो रही है तलाश

एक्सीडेंट में मौत होती है, पुलिस मामला दर्ज करती है और पोस्टमार्टम भी होता है, लेकिन अब पुलिस को उस ‘मुर्दे’ की तलाश है जिसकी मौत हुई थी।

राजस्थान पुलिस के स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने एक अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर फर्जी पोस्टमार्टम के बाद लाखों रुपये का इंश्योरेंस क्लेम लेने की धोखाधड़ी करती है। एसओजी ने ठगी में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि दो लोग फरार है। 

एसओजी एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि रघुराज चौहान उम्र 36 साल और राजेश कुमार उम्र 48 साल निवासी पालम विहार, गुरुग्राम, हरियाणा हाल मैनेजर यूनियन बैंक आॅफ इंडिया है। तीसरा आरोपी एडवोकेट चतुर्भुज मीणा उम्र 48 साल निवासी नांगल राजावतान, दौसा है। चौथा आरोपी यशवंत सिंह उर्फ यश चौहान निवासी उत्तरप्रदेश हाल ओखला, नई दिल्ली है। पांचवां आरोपी रमेशचंद्र जाटव उम्र 49 साल निवासी हिंडौन सिटी, करौली हाल सहायक पुलिस निरीक्षक थाना रामगढ़ पचवारा जिला दौसा है। जबकि छठा आरोपी डॉक्टर सतीश कुमार खंडेलवाल उम्र 54 साल निवासी आदर्श कॉलोनी, थाना कोतवाली जिला दौसा है। वह सरकारी अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी है। इसके अलावा दिल्ली निवासी आॅटोरिक्शा चालक जितेंद्र सिंह व उसकी पत्नी फरार है। जिनकी तलाश की जा रही है।

जिसको मृतक बताया वह दिल्ली में चला रहा आॅटोरिक्शा

एसपी संजय श्रोत्रिय ने बताया कि पिछले साल 10 अक्टूबर को दौसा जिले के कोतवाली थाने में पुलिस की एक झूठी तहरीर द्वारा जितेंद्र सिंह नामक व्यक्ति का फर्जी पोस्टमार्टम करवाने का मुकदमा दर्ज हुआ था। ठीक इसी तरह का एक और मुकदमा दौसा के रामगढ़ पचवारा थाने में दर्ज हुआ था।

मामला गंभीर होने से डीजीपी ओपी गल्होत्रा ने केस एसओजी को ट्रांसफर कर दिया। तब एएसपी करन शर्मा के निर्देशन में तीन इंस्पेक्टर, दो सबइंस्पेक्टर और दो कांस्टेबल की टीम गठित की गई। जिसमें जितेंद्र सिंह के बारे में जानकारी जुटाई गई तो उसके जिंदा होने और दिल्ली में पत्नी के साथ रहकर आॅटोरिक्शा चलाने की जानकारी सामने आई।

वहीं, सामने आया कि द्वारका, नई दिल्ली में एफआरएम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के संचालक रघुराज सिंह ने अपने साथी बैंक मैनेजर राजेश कुमार, यश सिंह व दौसा के सरकारी अस्पताल में पदस्थापित सतीश कुमार खंडेलवाल, एएसआई रमेशचंद के साथ मिलकर पहले जितेंद्र सिंह की अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसियां करवाई।

प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा इंश्योरेंस योजनाओं से भी उठाया फर्जी क्लेम

जानकारी देते एसओजी के अधिकारी – फोटो : Vishnu Sharma
वहीं, सामने आया कि द्वारका, नई दिल्ली में एफआरएम इंवेस्टिगेशन एजेंसी के संचालक रघुराज सिंह ने अपने साथी बैंक मैनेजर राजेश कुमार, यश सिंह व दौसा के सरकारी अस्पताल में पदस्थापित सतीश कुमार खंडेलवाल, एएसआई रमेशचंद के साथ मिलकर पहले जितेंद्र सिंह की अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसियां करवाई।

इसके बाद जितेंद्र सिंंह को फर्जी तरीके से एक्सीडेंट में मृत साबित कर कागजों में फर्जी पोस्टमार्टम करवाया। इसके बाद बजाज इंश्योरेंस कंपनी से 12 लाख और प्रधानमंत्री जीवन सुरक्षा योजना व जीवन ज्योति बीमा योजना से 4 लाख रुपये का क्लेम उठा लिया।

इसी मौत का एक्सीडेंट डेथ क्लेम दूसरी इंश्योरेंस कंपनी से उठाने का दावा करने पर जब कंपनी फील्ड इंवेस्टिगेशन एक्जीक्यूटिव दौसा के कोतवाली थाने पहुंचा। उसने वहां ड्यूटी पर मौजूद एएसआई सुवर्ण सिंह से इंश्योरेंस के फर्जी दस्तावेजों का सत्यापन करने के लिए कहा। एएसआई सुवर्ण सिंह ने दस्तावेजों पर अपने साइन देखा तो पाया कि उसने कोई शव का पोस्टमार्टम करवाया और इलाके में उस संबंधित दिन पर कोई एक्सीडेंट में मौत नहीं हुई थी। इसके बाद सुवर्ण सिंह ने कोतवाली थाने में फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज करवाया।

इस गैंग का मुख्य सूत्रधार इंश्योरेंस कंपनी का क्लेम  उठाने से पहले फील्ड इंवेस्टिगेशन करवाने वाली एक फर्म का संचालक रघुराज सिंह चौहान है। 

 
 
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