जामिया हिंसा पर देशभर के छात्रों का उबला खून चारो तरफ मचा बवाल

जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में देशभर के कई विश्वविद्यालयों के छात्रों में भारी नाराजगी है। छात्रों पर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में देशभर के कई विश्वविद्यालयों के छात्र विरोध में उतर आए हैं। इसे लेकर हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई और कोलकाता विश्वविद्यालय में बवाल मचा हुआ है और छात्रों के धरना-प्रदर्शनों का दौर जारी है। छात्र दिल्ली पुलिस के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं।

नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे जामिया के छात्रों पर कार्रवाई के बाद अब दूसरे तमाम छात्र भी सड़कों पर उतर आए हैं। इनकी मांग है कि जामिया लाइब्रेरी के अंदर आंसू गैस फेंके जाने और बिना अनुमति कैंपस में पुलिस के घुसने की जांच की जाए। छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन भी करने पहुंचे।

दिल्ली में विरोध प्रदर्शन

पुलिस कार्रवाई के विरोध में दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्रों ने परीक्षा का भी बहिष्कार कर दिया है। छात्रों का कहना है कि वे इंडिया गेट पर धरना देंगे। पुलिस कार्रवाई के विरोध में जामिया के कुछ छात्रों ने हाड़ कंपाती ठंड में अर्धनग्न प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शन कर रहे छात्र इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। इनकी मांग है कि पुलिस कार्रवाई की सीबीआई जांच कराई जाए।

पुलिस कार्रवाई में घायल हुई एक छात्रा खंजाला कहती हैं, हम सभी विश्वविद्यालय के अंदर थे तभी पुलिस घुस आई। करीब 20 पुलिसकर्मी गेट नंबर सात से और 50 पुलिसकर्मी पिछले गेट से अंदर घुस आए। हमने उनसे कहा कि हम हिंसा में शामिल नहीं हैं। लेकिन उन्होंने हमारी नहीं सुनी। उन्होंने महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। कुछ महिलाओं ने घायल छात्रों को वहां से निकाला।

रविवार को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने जामिया के 50 छात्रों को हिरासत में लिया था, इन्हें आज रिहा कर दिया गया। लेकिन कैंपस में अब भी तनाव जारी है।

नदवा कॉलेज लखनऊ

वहीं, लखनऊ के नदवा कॉलेज में भी जामिया हिंसा की गूंज सुनाई पड़ी। यहां सैकड़ों छात्रों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। पुलिस की मौजूदगी में नारे लगे- आवाज दो हम एक हैं। पुलिस हालात को संभालने में जुटी रहे। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि नदवातुल उलमा के कुछ छात्रों ने प्रदर्शन करने और पत्थर फेंकने की कोशिश की थी। उन्हें रोका गया और किसी को भी बाहर नहीं आने दिया गया।

मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय हैदराबाद

हैदराबाद के मौलाना आजाद उर्दू विश्वविद्यालय तक भी जामिया हिंसा की आंच पहुंची। छात्रों ने आधी रात को प्रदर्शन किया और परीक्षाएं टालने की मांग की।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और कोलकाता की जादवपुर विश्वविद्यालय में भी ऐसा ही नजारा दिखा। दोनों जगह छात्रों ने सरकार से पुलिस कार्रवाई के खिलाफ जांच की मांग की।

बीएचयू के एक पीएचडी छात्र ने कहा, जामिया में जो कुछ कल हुआ उसे कार्रवाई कहना छोटा शब्द होगा। ये पूरी तरह से गुंडागर्दी है। पुलिस द्वारा मोटरसाइकिलों को तोड़ने और छात्र को पीटने के वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं। सरकार को जवाबदेही जरूर तय करनी चाहिए।

जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता

वहीं, जादवपुर विश्वविद्यालय में भी छात्र इस घटना से नाराज दिखे। एक छात्रा रिद्धिमा दुआ ने कहा, कैंपस के अंदर आंसू गैस के गोले कैसे दागे जा सकते हैं? अगर मेरे साथ सड़क पर किसी तरह की छेड़छाड़ होती है और मैं पुलिस के पास जाती हूं तो कई औपचारिकताएं पूरी करने को कहा जाता है। अब वो नियम कहां गए? एक बंद कैंपस में आखिर आंसू गैस के गोले कैसे दागे जा सकते हैं? वाइस चांसलर की इजाजत के बगैर कैंपस में पुलिस आखिर कैसे दाखिल हो सकती है?

टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस मुंबई

मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के छात्रों ने भी इस घटना का विरोध किया और सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्र दिल्ली पुलिस शर्म करो के नारे लगा रहे थे।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी

जामिया में छात्रों पर कार्रवाई के खिलाफ सबसे पहले विरोध प्रदर्शन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शुरू हुआ था। रविवार रात को छात्रों की पुलिस से भिड़ंत भी हुई। विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने एएमयू को 5 जनवरी तक बंद रखने का आदेश देते हुए छात्रों से हॉस्टल खाली करने को कहा है।

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय

दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र भी जामिया छात्रों के समर्थन में सड़कों पर उतर आए हैं। इन्होंने रविवार रात दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए मामले की जांच करने और जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

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