जानें जीवन को क्यों बर्बाद कर देता हैं विवाह के पहले बनाया गया शारीरिक संबंध

धर्म शास्त्रों में सेक्स करने के कुछ नियम तय किये गए हैं और उनमें से एक सबसे बड़ा नियम है जो है विवाह। शास्त्रों के अनुसार स्त्री पुरुष केवल विवाह उपरांत ही सेक्स कर सकते हैं उसके पहले नहीं क्योंकि बिना विवाह के सेक्स करना पाप कहा गया है वहीं ऐसा केवल हिन्दू धर्म में ही नहीं अपितु दुनिया के सभी प्रमुख धर्मो में कहा गया है।
बाइबिल में लिखा है:
अच्छा है की कोई अविवाहित रहे या विदुर रहे, पर यदि कोई अपनी काम इन्द्रीओं पर नियंत्रण नहीं रख सकता तो वो विवाह कर ले।
यदि कोई अनैतिक सम्बन्ध बना के इश्वर के नियमों को तोड़ता है तो निश्चय ही ईश्वर उसे सजा देगा।
कुरान में लिखा है:
ईश्वर ने यौन क्रियाओं के लिए पति पत्नी बनाये है ताकि नैतिक और अनैतिक संबंधो में फर्क कर सके। वहीं इस्लाम निकाह से पहले शारीरिक सम्बन्ध बनाने को हराम है।
वेदों में:
अथर्व वेद में लिखा है स्त्री पुरुष केवल विवाह उपरांत ही यौन क्रियाये कर सकते हैं क्योंकि तभी ईश्वर प्रसन्न रहता है वहीं और ऋगवेद में भी विवाह उपरांत ही सेक्स करने को कहा गया है।
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