जानें क्यों नहीं दिखाए जाते पॉर्न फिल्मों के ये 5 सीन, जिसमे किया जाता हैं…

आजकल हर कोई पोर्न फिल्मों का शौकीन है। इन एडल्ट स्टार्स को देखते हुए कइयों को लगा होगा कि ये लोग कितने लकी हैं और दुनिया का सबसे मजेदार काम तो इनका है। फिल्मों में इन्हें देखकर ईर्ष्या भी होती होगी कि सेक्स को ये जितना एंजॉय करते हैं उतना अधिक आम लोग नहीं कर पाते। इन्हें देख बहुत सारी हरसतें मन में पैदा होती हैं।

दुनिया का सबसे मुश्किल पेशा:

लेकिन ये सच नहीं है। पॉर्न फिल्मों में काम करना दुनिया के सबसे मुश्किल पेशों में से एक है। बल्कि इतना मुश्किल है कि जानने के बाद कानों से धुआं निकलने लगेगा और अपनी मौजूदा जॉब को पकड़ कर कहेंगे कि I love my job. अगली बार किसी भी पॉर्न फिल्म को देखेंगे तो उसमें काम करने वाले लोगों के लिए मन में इज़्जत होगी।

तो जानते हैं एेसी ही मुश्किलेंः

पॉर्न स्टार भी हमारे जैसे ही लोग होते हैं। कोई आपसे कहे कि दो दर्जन लोगों के सामने यौन क्रिया करनी है तो कैसा फील होगा? पॉर्न स्टार्स को भी वैसे ही महसूस होता है और वे लगातार उस शर्म से लड़ते हैं।

एक छोटी सी फिल्म की शूटिंग भी घंटों चलती है जिसका पूरा सेट होता है, कैमरा होते हैं, टेक्नीशियन होते हैं, मेकअप के लोग होते हैं। इस दौरान जब सिनेमैटोग्राफर कैमरा सेट करने लगे या दूसरी टेक्नीकल चीजें हो रही हों तब इंतजार करते हुए संबंधित मेल एक्टर को पूरे समय तक इरेक्टेड रहना होता है। और ऐसा कर पाना आमतौर पर संभव या आसान नहीं होता है।

फीमेल स्टार्स शूटिंग से पहले खाना नहीं खातीं। क्योंकि सेक्सुअल एक्ट में उत्तेजना के दौरान शरीर की पूरी ऊर्जा शरीर के निचले हिस्से में जाती है। उसी दबाव से यौन सुख पैदा होता है, उसी दबाव से शौच क्रिया पूरी होती है। ब्लोजॉब के दौरान गले के भीतर तक पीनस जाता है जिससे आंतें सिकुड़ती हैं और आहारनली में भोजन हो तो उल्टी हो सकती है।

# एक ही फिल्म की शूटिंग के दौरान एक से ज्यादा बार इजेक्युलेशन यानी वीर्य स्खलन करना पड़ सकता है। वो भी तब जब डायरेक्टर कहे या कहानी में इसकी जरूरत हो।

यहां तक कि जब कोई लड़का या लड़की पॉर्न फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश करना चाहते हैं तो उनका स्क्रीन टेस्ट होता है जो आसान नहीं होता। इसमें उन्हें 10, 50 या उससे ज्यादा मिनट तक मास्टरबेट करना होता है।

Back to top button