जानें कब है काल भैरव अष्टमी, क्या है शुभ मुहूर्त और सटीक पूजा विधि

काल भैरव अष्टमी (Kaal Bhairav Jayanti): काल भैरव अष्टमी 19 नवंबर,मंगलवार को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन जो भी भक्तजन भगवान काल भैरव की पूजा-अर्चना और उपवास करेगा भगवान काल भैरव उसके सभी प्रकार के रोग-दोष दूर करते हैं. आइए जानते हैं काल भैरव अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त:


काल भैरव अष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त:
काल भैरव अष्टमी की शुरुआत 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर हो जाएगी.
काल भैरव अष्टमी का समापन 20 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 41 मिनट पर होगा.

1. काल-भैरव का उपवास करने वालों को सुबह नहा-धोकर पितरों को श्राद्ध व तर्पण देने के बाद भगवान काल भैरव की पूजा अर्चना करनी चाहिए.

कालाष्टमी को कालभैरव जयंती के रूप में भी जाना जाता है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे. भक्त इस दिन शिव की पूजा करने के साथ ही उनके लिए उपवास रखते हैं. यह शिव भक्तों के लिए सचमुच ही बड़ा दिन है.

इस मंत्र का करें जाप:
अतिक्रूर महाकाय कल्पान्त दहनोपम्,

भैरव नमस्तुभ्यं अनुज्ञा दातुमर्हसि!!

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