जानिए, वृक्षों में पीपल की श्रेष्टता और महत्वता का रहस्य

प्रकृति के अनुसार सभी वृक्षों की हमें किसी न किसी रूप में आवश्यकता अवश्य रूप से होती है इन्हीं वृक्षों की वजह से आज मानव जीवन संभव है. और स्थिरता को धारण किया हुआ है. इन्हीं वृक्षों में हम बहुत से वृक्षों का उपयोग एक औसधी के रूप में करते है.

इसी के चलते हम पीपल के वृक्ष के बारे में बात करें तो इस वृक्ष की औसधी के साथ ही साथ मानव जीवन में कल्याण की भी प्राप्ति होती है.इस वृक्ष के माध्यम से ही व्यक्ति जीवन में ग्रहों से मुक्ति , जीवन में शांति , और सुख का अनुभव करता है. कहा जाता है की इस वृक्ष में साक्षात भगवन विष्णु का वास होता है और हिन्दू धर्म में माना जाता है कि हम अपने पितरों की शांति के लिए या हमारे घर से निकली कोई भी आत्मा की शांति के लिए इस पीपल वृक्ष में पानी देते है.

और उसकी पूजा करते है. इससे उस निकली हुई आत्मा को सद गति प्राप्त होती है. साथ ही साथ हमारे घर परिवार में शांति रहती है. पीपल वृक्ष में जल अर्पित करने से समस्त देवता प्रशन्न हो जाते है .इस पीपल पेड़ को धर्मशास्त्रों में सर्वाधिक महत्व दिया गया है। श्रीमत भागवत गीता में भी भगवान श्रीकृष्ण ने पीपल की श्रेष्टता और उसकी महत्वता का को बताया है.

यदि हम वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर भौतिक रूप में देखें तो इस वृक्ष से सर्वाधिक ऑक्सीजन प्राप्त होती है इसी पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान बुद्ध ने अपनी तपस्या पूर्ण की थी, इस पीपल के वृक्ष में यदि आप नित्य नियम से जल अर्पित करते है. तो आपके जीवन से अनेकों गृह रूपी दोष दूर हो जायेगें जीवन में शांति व् सुख की दशा को हासिल करेगें और इसी वृक्ष के पूजन से आपके पितरों को शांति मिलेगी .

Back to top button