जानिए, नए कपड़े कब, कैसे और किस रंग के पहनें…

ग्रामीण अंचलों में आज भी नए कपड़े पहनते समय बुजुर्ग कहते हैं कि इस पर गंगा जल के छींटे मार लो और सूर्य को नमस्कार करके पहन लो। भारतीय परंपराओं को कई बार अंधविश्वास कह कर उनसे किनारा कर लिया जाता है परंतु इसके पीछे कोई न कोई  वैज्ञानिक कारण छिपा होता है। वास्तव में नए कोरे परिधान सदा धो कर ही पहनने  चाहिए। गंगा जल को पवित्र और डिस्इन्फैक्ट करने वाला जल माना गया है, इसीलिए हर धार्मिक कृत्यों या मृत्यु आदि के समय, इसे छिड़कने या प्रयोग करने की सलाह दी जाती रही है।जानिए, नए कपड़े कब, कैसे और किस रंग के पहनें...

वस्त्र धोकर पहनने के पीछे कई कारण हैं। कपड़ों के धागों में कई प्रकार के रंग, रसायन आदि यूज किए जाते हैं जिसके कारण त्वचा रोग, खारिश या रिएक्शन हो जाता है। कुछ कपड़ों में कलफ के कारण वह इतना सख्त हो जाता है कि त्वचा को काट देता है। रैडीमेड खड़े पैक होने से पहले कई मशीनों, प्लास्टिक, गंदे हाथों, रसायनों से गुजरते हैं। यह भी संभव है कि दुकान आदि में कई लोगों ने उसी ड्रैस को ट्राई किया हो और उसकी दुर्गंध या उसकी कोई त्वचा का संक्रमण, या नकारात्मक ऊर्जा उससे आपके शरीर में आ जाए और आप उसके कारण बीमार हो जाएं। बच्चों की त्वचा बहुत नर्म और संवेदनशील होती है। अत: उन्हें सीधे ही शो-रूम से ली गई या किसी की उपहार दी गई ड्रैस बिना धोए न पहनाएं।

ज्योतिषीय गणना में नया कपड़ा पहनने का दिन और नक्षत्र भी बताया गया है। किस राशि वाले को किस दिन किस रंग का परिधान पहनना चाहिए या आपका लक्की रंग कौन-सा है, अशुभ कौन-सा, इसका ज्ञान किसी अनुभवी ज्योतिषी से अवश्य ले लेना चाहिए। कई बार किसी एक रंग के परिधान को पहनने से मन अशांत हो उठता है या बनते-बनते काम बिगड़ जाते हैं। कई लोग कोर्ट जाते समय विशिष्ट ड्रैस ही पहनते हैं। साधु समाज भगवे, धर्म प्रचारक सफेद, राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता एक विशेष रंग की वेशभूषा पर टिके रहते हैं।

मान्यता है कि नए कपड़े मंगल या शनिवार को न पहने जाएं। इनके लिए शुभ दिन, बुधवार, बृहस्पतिवार व शुक्रवार माने गए हैं। हिन्दी तिथि 4, 9,14, को नए कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है। अश्विनी, रोहिणी व पुष्य रेवती आदि नक्षत्रों में नए कपड़े पहनना लाभप्रद रहता है। भरणी कृतिका, मृगाशिरा , आद्र्रा  आदि नक्षत्रों में न पहनें । विशेषत: जब आप विवाह के लिए नई ड्रैस बनवाते हैं तो उसे एक बार शुभ मुहूर्त मेें अवश्य पहन लें फिर शादी वाले समय पहनें।

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