जाट आंदोलन को लेकर राजनीतिक दावपेंच, छिड़ सकती है जाट नेताओं के बीच चौधर की जंग

जाट आंदोलन को लेकर दांव-पेंच की राजनीति तेज हो गई है। ऐसे में जाट नेताओं के बीच चौधर की जंग तेज होने की संभावना है। राज्‍य सरकार भी यशपाल मलिक विरोधी खेमेे से संपर्क कर रही है।जाट आंदोलन को लेकर राजनीतिक दावपेंच, छिड़ सकती है जाट नेताओं के बीच चौधर की जंग

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चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आंदोलन को लेकर राजनीतिक दावपेंच तेज हाे गए हैं। ऐसे में जाट नेताओं के बीच चौधर की जंग शुरू हो सकती है। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जाट गुटों के नेताओं से बातचीत करने के लिए सक्रिय है। ऐसे में यह जंग सामने आने की संभावना है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर चल रहे धरनों के खिलाफ राज्य की खाप पंचायतें खड़ी हो सकती हैैं।

अभी चल रहे आंदोलन का नेतृत्व यशपाल मलिक कर रहे हैं और वह उत्तर प्रदेश से हैं। इसी को आधार बनाकर खाप पंचायतें अपनी चौधर के लिए मोर्चेबंदी पर उतर सकती हैं। खाप पंचायतों ने 26 फरवरी को जींद में महा पंचायत बुलाई है। इससे पहले 20 फरवरी को जाट नेताओं व सरकार के बीच वार्ता होने की संभावना है।

मलिक गुट के खिलाफ खड़ी हो सकती हैैं राज्य की खाप पंचायतें

राज्य सरकार ने अपने मंत्रियों तथा नेताओं को प्रदेश की खाप पंचायतों को भरोसे में लेकर चलने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। पानीपत में कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने जिन नेताओं से बातचीत की है, वे यशपाल मलिक खेमे के विरोधी हैं। सूबे सिंह समैण, सुरेंद्र सिंह दहिया और हवा सिंह सांगवान सरीखे खाप नेता भी मलिक पर बाहरी होने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध मोर्चा खोल सकते हैैं, जबकि मलिक भी अपनी तैयारी तेज कर रहे हैैं।

26 फरवरी को जींद में होगी सांगवान गुट व खाप पंचायतों की पंचायत

यशपाल मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हैैं। मलिक के आह्वान पर 19 जिलों में धरने शुरू हुए थे। हालांकि सरकार के कुछ लोग इन धरनों की अनुमति दिए जाने के हक में नहीं थे। अब चूंकि धरने शुरू हो चुके हैैं तो उन पर काबू करने के लिए हरियाणा के प्रमुख जाट नेताओं व खाप नेताओं को मलिक के सामने खड़ा किया जा सकता है। मलिक के खिलाफ जाट व खाप नेता सक्रिय होने की संभावना है।

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