जम्‍मू कश्‍मीर में रेडियो कश्‍मीर की जगह ऑल इंडिया रेडियो का होगा प्रसारण

जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद अब जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख दो अलग संघ शासित प्रदेश हो गए हैं। इसके साथ ही आज से घाटी और लद्दाख में ऑल इंडिया रेडियो का टेलीकास्ट भी शुरू हो गया है। यहां के रेडियो स्‍टेशनों का नाम बदलकर ऑल इंडिया जम्‍मू, ऑल इंडिया रेडियो श्रीनगर और ऑल इंडिया रेडियो लेह कर दिया गया है। अब जम्‍मू कश्‍मीर में रेडियो कश्‍मीर की जगह ऑल इंडिया रेडियो का प्रसारण होगा।

प्रसार भारती का नियंत्रण

रेडियो कश्‍मीर, भी प्रसार भारती के तहत ही आता था और सूचना प्रसारण मंत्रालय पर इसका नियंत्रण था। दो स्‍टेशनों के साथ ऑपरेट होने वाले रेडियो कश्‍मीर को, जम्‍मू में डोगरी और उर्दू में तथा श्रीनगर में कश्‍मीरी, उर्दू् और हिंदी में सुना जा सकता था। बुधवार को आधी रात गृह मंत्रालय की तरफ से जारी एक अधिसूचना के बाद जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख दो संघ शासित प्रदेशों में बंट गए हैं। पांच अगस्‍त के केंद्र सरकार की तरफ से आर्टिकल 370 खत्‍म करने 86 दिन राज्‍य दो हिस्‍सों में विभाजित हो गया है।

गौरतलब है कि देश में अब कुल राज्य 28 रह जाएंगे, जबकि कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या नौ हो गई है। यह पहली बार है जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया है।

अब दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में रणबीर कानून की जगह भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) की धाराएं लागू होंगी। नए जम्मू-कश्मीर में पुलिस व कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन होगी, जबकि भूमि व्यवस्था की देखरेख की जिम्मेदारी निर्वाचित सरकार के तहत होगी। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में सरकारी कामकाज की भाषा अब ऊर्दू नहीं हिंदी हो जाएगी।

नए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 107 सदस्य हैं, जिनकी परिसीमन के बाद संख्या बढ़कर 114 तक हो जाएगी। वहीं, विधायिका में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लिए पहले की तरह ही 24 सीट रिक्त रखी जाएंगी।

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