जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिविल वाहनों को उतरने की नहीं दी गई अनुमति…

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सुबह सिविल वाहनों को उतरने की अनुमति नहीं दी गई। जम्मू से श्रीनगर की ओर जाने वाले सैन्य काफिले की सुरक्षा के मद्देनजर ये पाबंदी लगाई गई थी। शाम चार बजे जिला रामबन से सैन्य काफिले के गुजरने के बाद सिविल वाहनों को सड़कों पर उतरने दिया गया। ट्रैफिक विभाग का कहना है कि रामबन में हुए भूस्खलन के बाद हाइवे को पहुंची क्षति के कारण हाइवे को एक तरफा ही खोला जा रहा है। यही वजह है कि प्रशासन ने काफिले के सुरक्षित गुजरने तक इस मार्ग को सिविल वाहनों के लिए बंद रखा।

ट्रैफिक विभाग के अधिकारी ने बताया कि किसी भी नागरिक वाहन को आज सुबह श्रीनगर या जम्मू से राजमार्ग पर उतरने की अनुमति नहीं दी गई थी ताकि सैन्य काफिले को गुजरने में किसी तरह की परेशानी न हो। शाम चार बजे जैसे ही सैन्य काफिले ने रामबन को पार किया उसके बाद हाइवे को सिविल वाहनों के लिए खोल दिया गया। उन्होंने बताया कि भूस्खलन के कारण रामबन में सड़क को काफी नुकसान हुआ है। उसका मरम्मत कार्य चल रहा है। फिलहाल इस मार्ग को एक तरफा खोला गया है। उम्मीद है कि एक दो दिन के भीतर मरम्मत कार्य पूरा हो जाएगा और मार्ग को दो तरफा वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।

वहीं 434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी वाहनों की आवाजाही बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है। लद्दाख को कश्मीर से जोड़ने वाला यही एकमात्र मार्ग है। बर्फबारी होने के बाद से यह मार्ग बंद है। सीमा सड़क संगठन के कर्मचारी लगातार बर्फ हटाने का काम कर रहे हैं। श्रीनगर-लेह पर स्थित जोजिला पास और उसके साथ लगते इलाकों में हुई बर्फबारी के बाद से ही यह राजमार्ग 27 नवंबर को वाहनों के लिए बंद कर दिया गया था।

इसके अलावा जिला पुंछ से श्रीनगर को जोड़ने वाली एतिहािसक मुगल रोड भी 6 नवंबर को पीर की गली सहित ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी के बाद बंद कर दिया गया था। यहां पड़ी बर्फ को भी हटाया जा रहा है। ट्रैफिक विभाग के अधिकारी ने बताया कि मुगल रोड पर पड़ी बर्फ को 26 नवंबर को हटा दिया गया था परंतु उसके अगले ही दिन फिर से बर्फबारी शुरू होने के बाद यह मार्ग फिर बंद करना पड़ा। इस मार्ग पर जल्द से जल्द वाहनों की आवाजाही शुरू हो इसके लिए कर्मचारी और मशीनें निरंतर काम कर रहे हैं।

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