जमाल खशोगी: अब फ्रांस भी लगाएगा सऊदी के लोगों पर प्रतिबंध

सऊदी अरब ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि उसके तुर्की के इस्तांबुल स्थित दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। सऊदी के रहने वाले खशोगी अमेरिका के नागरिक थे और वाशिंगटन पोस्ट के लिए लिखा करते थे। वह 2 अक्तूबर को सऊदी दूतावास में वह दस्तावेज लेने गए थे जिससे यह साबित हो जाए कि वह तलाकशुदा हैं ताकि उनकी दोबारा शादी हो सके। जमाल खशोगी: अब फ्रांस भी लगाएगा सऊदी के लोगों पर प्रतिबंध

हफ्तों तक इस बात से मना करने पर कि खशोगी के गायब होने में उसका कोई हाथ नहीं है सऊदी ने आखिरकार इस बात को मान लिया है कि उसके अधिकारियों ने हत्या को अंजाम दिया था। हालांकि अभी तक पत्रकार के शव के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। इस हत्या के बाद से सऊदी को लगातार अतंरराष्ट्रीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा उसपर अपने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी दबाव बन रहा है।

इसी बीच अमेरिका के बाद अब फ्रांस ने भी खशोगी की मौत से संबंधित व्यक्तियों पर जल्द ही प्रतिबंध लगाने वाला है। यह बात फ्रांस के विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियन ने कहीं। उन्होंने कहा, ‘हम इस समय जर्मनी के साथ मिलकर करीबी से काम कर रहे हैं और इसके बाद हम जल्द निश्चित रूप से प्रतिबंधों की एक निश्चित संख्या तय करेंगे। लेकिन हमें लगता है कि हमें इससे आगे जाना चाहिए क्योंकि सच सामने आना चाहिए।’

तुर्की में पत्रकार की हत्या हुई थी इसी वजह से तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लू ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुट्रेस के साथ बातचीत की। इस बैठक के बारे में यूएन के प्रवक्ता स्टीफेन डुजारिक ने कहा, ‘उन्होंने यमन, सीरिया, साइप्रस के साथ ही जमाल खशोगी पर बातचीत की।’ जब पूछा गया कि क्या यूएन खशोगी के मामले की जांच करेगा तो उन्होंने कहा कि हमें तुर्की की तरफ से कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं मिला है। 

पत्रकार की मौत पर आईं कई रिपोर्ट्स में उनकी हत्या के लिए सऊदी के क्राउन प्रिंस बिन सलमान को जिम्मेदार ठहराया गया है। वहीं वह इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। हाल ही में सलमान ने शूरा काउंसिल के सालाना कार्यक्रम को संबोधित किया। यह सरकार का टॉप सलाहकार निकाय है। जिसमें उन्होंने लगभग सभी मुद्दों पर बात की लेकिन पत्रकार की मौत पर चुप रहे।
Back to top button