जानिए, आरुषि-हेमराज हत्याकांड के ये राज, और क्‍यों शक के घेरे में आए तलवार दंपती

आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डॉ. राजेश तलवार और डॉ. नूपुर तलवार के शक के दायरे में आने की वजह हेमराज की हत्या के बाद हुई प्लानिंग थी। जिससे उसकी हत्या और शव को छुपाया जा सके।जानिए, आरुषि-हेमराज हत्याकांड के ये राज, और क्‍यों शक के घेरे में आए तलवार दंपती

इसी कारण पहले नोएडा पुलिस और फिर सीबीआइ ने मान लिया कि सामान्य हत्यारा हेमराज की हत्या के बाद मौके से भागने की कोशिश करता। वह हेमराज की हत्या और शव को छुपाने में समय खराब नहीं करता और न ही इसकी प्लानिंग करता।

हेमराज की हत्या को छुपाने का मकसद उसके शव को ठिकाने लगाना मान लिया गया। इसके अलावा आरुषि की हत्या के बाद मौके पर पहुंची नोएडा पुलिस को डॉ. राजेश तलवार ने बताया था कि हेमराज हत्या कर भाग गया। साथ ही उन्होंने हेमराज के खिलाफ हत्या का केस भी दर्ज करा दिया।

इसे यह मान लिया गया कि हेमराज के शव को ठिकाने लगाने की प्लानिंग के तहत यह सब किया गया। हालांकि, नोएडा पुलिस और सीबीआइ यह सोचना भूल गए कि यह सब प्लानिंग के अलावा इत्तेफाक भी हो सकता है। यही कारण रहा कि तलवार दंपत्ती के खिलाफ न तो नोएडा पुलिस और न ही सीबीआइ कोई सबूत पेश कर सकी।

आरुषि-हेमराज हत्याकांड की जांच टीम में शामिल रहे नोएडा पुलिस के एक अधिकारी ने भी माना है कि डॉ. राजेश तलवार को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले थे। इसी कारण सीबीआइ जांच की संस्तुति की गई। 

इन कारणों से जांच एजेंसियों के संदेह के घेरे में आ गए थे तलवार

– हेमराज की हत्या छत पर करने के बाद उसके शव को दीवार की आड़ लेकर छुपाने की कोशिश हुई थी।
– छत पर लगी जाली पर चादर डाला गया था,जिससे छत के दूसरी ओर से कोई शव देख न सके।
– हेमराज की हत्या के बाद हत्यारे के हाथ में खून लग गया था। दीवार पर खून लगे पंजे के निशान से यह बात प्रमाणित भी होता है। हत्यारे ने छत पर रखे कूलर को खोलकर उसके पानी में हाथ धोया था।
– हत्यारे के जूते में हेमराज के खून लगे थे लेकिन, वह खून सीढिय़ों पर नहीं थे। इससे जाहिर है कि हत्यारा छत से सीढ़ी पर आने के दौरान जूता खोलकर गया। 
– छत का गेट बंद कर दिया गया था। 
– डॉ. राजेश तलवार ने नोएडा पुलिस को बताया कि हेमराज हत्या कर भाग गया जबकि, इसका कोई ठोस आधार नहीं था। 

इन सवालों का जवाब नहीं ढूंढ पाई जांच एजेंसी

– डॉ. राजेश तलवार ने पूछताछ में गुनाह नहीं कबूल किया। 
– आरुषि और हेमराज की हत्या किस चीज से हुई, इसके पुख्ता सबूत नहीं।
– पहले आरुषि की हत्या हुई या हेमराज की, इस बारे में जानकारी नहीं।
– हेमराज की हत्या के स्थान पर नोएडा पुलिस और सीबीआइ में मतभेद।
– आरुषि का मोबाइल हत्या के बाद सेक्टर 37 कैसे पहुंचा।
– हेमराज का मोबाइल अब तक बरामद नहीं। 
– हत्या में इस्तेमाल हथियार बरामद नहीं।
– हेमराज के कमरे में मिले शराब के बोतल और ग्लास पर डॉ. राजेश तलवार के फिंगर प्रिंट नहीं मिले। 

‘सीढिय़ों पर नहीं रेलिंग पर थे खून के निशान’

हेमराज का शव बरामद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पूर्व डीएसपी केके गौतम का कहना है कि वह डॉ. सुनील चौधरी के साथ डॉ. राजेश तलवार के घर गए थे। डॉ. राजेश तलवार को वह सीधे नहीं जानते थे। राजेश के भाई डॉ. दिनेश तलवार की सुनील चौधरी से दोस्ती थी।

केके गौतम ने बताया कि राजेश तलवार के घर पहुंचे। जहां सुनील चौधरी और दिनेश तलवार आपस में बात करने लगें। पुलिस में 35 साल बिताने के कारण मैं मौका मुआयना करने लगा। इसी दौरान छत पर जाने वाली सीढिय़ों की रेलिंग पर खून के निशान दिखे। मैं छत पर गया। दरवाजे पर ताला लगा था।

मैंने तत्कालीन अधिकारियों को फोन कर इसकी जानकारी दी। ताला तोड़ा गया तो हेमराज का शव मिला। उस वक्त तक सीढिय़ों पर खून के निशान नहीं थे। हेमराज का शव नीचे उतारने के दौरान सीढिय़ों पर खून के निशान लगे। जिसे सीबीआइ ने यह मान लिया कि हेमराज के शव को हत्या के बाद उपर ले जाने के दौरान खून के निशान लगे। 

‘ठीक से याद नहीं लोहे का गेट बंद था या नहीं’

आरुषि की हत्या के बाद नौकरानी भारती सबसे पहले एल 32 सेक्टर 25 पहुंची थी। भारती ने बताया कि घंटी बजाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद डॉ. नूपुर तलवार ने कहा कि हो सकता है हेमराज गेट बंद कर दूध लाने लगा गया। मैडम ने बालकनी के नीचे आने को कहा। मैं ग्राउंड फ्लोर पर गई। मैडल ने चाभी गिराया। जिसे लेकर मैं फिर उपर आई और गेट खोलकर अंदर गई। हालांकि, इस दौरान मुझे ठीक से यह याद नहीं है कि लकड़ी के गेट से पहले मौजूद लोहे का गेट अंदर से बंद था या नहीं। 

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‘एल 32 को बेचेंगे डॉ. राजेश तलवार’

आरुषि के नाना बीजी चिटनिस ने बताया कि जेल से आने के बाद डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार उनके एल 245 सेक्टर 25 स्थित फ्लैट पर ही रहेंगे। आजाद अपार्टमेंट हौजखास दिल्ली का घर अभी किराये पर है। उसके खाली होने के बाद ही तलवार दंपत्ती दिल्ली रहने जाएंगे। बीजी चिटनिस ने बताया कि एल 32 सेक्टर 25 स्थित फ्लैट को बेचा जाएगा। फ्लैट डॉ. राजेश तलवार के नाम पर है। वह जेल से बाहर आएंगे। उसके बाद रजिस्ट्री होगी।

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