जनता ने फिर से एक बार PM मोदी के हाथों में सत्ता की बागडोर थमायी, बिहार और यूपी में नहीं चल पाया पति-पत्नी का जादू

इस लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने बिहार के इन पति-पत्नी की जोड़ी को पसंद नहीं किया। एक ओर सुपौल से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही रंजीत रंजन और उनके पति मधेपुरा से जाप प्रत्याशी राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को जनता ने इस बार पूरी तरह से नकारा है तो वहीं पटना साहिब सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा को भी भाजपा प्रत्याशी रविशंकर प्रसाद के सामने मुंह की खानी पड़ी है। शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी और सपा के सिंबल पर लखनऊ सीट से उम्मीदवार पूनम सिन्हा को भी राजनाथ सिंह ने करारी शिकस्त दी है।

चुनाव आयोग से मिले प्रारंभिक परिणामों के बाद ही लगने लगा था कि मधेपुरा में इस बार पप्पू यादव नहीं जीत सकेंगे। प्रारंभिक परिणामों में ही मधेपुरा से सांसद प्रत्याशी पप्पू यादव यहां तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे। तभी से यह तय माना जाने लगा था कि पप्पू यादव को इस चुनाव में यहां से बड़ी पराजय का सामना करना होगा। 

वहीं, सुपौल में कांग्रेस के सिंबल पर मैदान में उतरी पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन को भी हार का सामना करना पड़ा। रंजीत रंजन यहां से पिछली बार सांसद थी जबकि मधेपुरा से उनके पति पप्पू यादव सांसद थे। इस चुनाव में इन दोनों ही इस तरह हुई हार ने साबित कर दिया कि जनता अब पति-पत्नी या एेसे सांसद नहीं चाहती।

इधर पटना साहिब सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी शत्रुघ्न सिन्हा भाजपा उम्मीदवार रविशंकर प्रसाद से हार गए । पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा पिछली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर संसद तक गए थे और इस बार कांग्रेस के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार यहां की जनता ने उन्हें सिरे से नकार दिया और जीत रविशंकर प्रसाद की झोली में डाल दी। 

तो वहीं,  लखनऊ में समाजवादी पार्टी के टिकट पर भाजपा के दिग्गज नेता राजनाथ सिंह के मुकाबले मैदान में पहली बार किस्मत आजमाने उतरी शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा को भी भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के हाथों करारी शिकस्त मिली है।

इस बार के नतीजों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि मोदी की आंधी नहीं, सुनामी है जिसमें बड़े-बड़े दिग्गजों की नैया बह चली। एक बार फिर यह साबित हो गया है कि फिलहाल देश में मोदी का जादू कम नहीं हुआ है। शत्रुघ्न और उनकी पत्नी पूनम सिन्हा और राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव व उनकी पत्नी रंजीत रंजन की हार ने यह तय कर दिया है कि जनता अब परिवार और रिश्ता नहीं काम और विकास चाहती है।

Back to top button