जनता की अाफत, कर्मचारियों की हड़ताल से रोडवेज बसों के पहिये थमे

किलोमीटर स्कीम के तहत रोडवेज में 720 निजी बसें शामिल करने के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी फिर दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। सुबह से अधिकतर जगहों पर रा‍ेडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। कुछ जगहों पर निजी बसें चल रही हैं। बस स्‍टैंडों पर हड़ताली कर्मचारी धरना दे रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं। सभी जगहों पर भारी पुलिस बल तैनात है। राज्‍य में अधिकती जगहों पर सोमवार शाम को ही दूसरे राज्यों को जाने वाली लंबे रूट की बसों के पहिये थम गए। रात बारह बजे के बाद सभी बसें डिपोंं में खड़ी हो गईं।जनता की अाफत, कर्मचारियों की हड़ताल से रोडवेज बसों के पहिये थमे

राज्‍य में हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्त्र, सिरसा, भिवानी, जींद सहित सभी स्‍थानों से हरियाणा रोडवेज की बसें नहीं चल रही हैं। बस स्‍टैंडों पर कड़ी सुरक्षा है। हड़ताल के कारण यात्री भटकने को मजबूर हैं। सबसे अधिक दिक्‍कत दैन‍िक यात्रियों और कामकाजी लोगों को हो रही है। कुछ जगहों पर छोटे रूटों पर निजी बसें चल रही हैं, लेकिन लंबे रूटों की बसें नहीं चलने से लोग परेशान हैं। कई जगहों पर भारी पुलिस बल की निगरानी में कुछ बसें चलाने की कोशिश की गई, लेकिन हड़ताली कर्मचारियों ने इन्‍हें रोक दिया। कई जगहों पर हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की भी सूचना है।

हड़ताल के कारण हिसार बस स्‍टैंड का नजारा।

हिसार बस अड्डा से भी रोडवेज की बसें नहीं चल रही है। सुबह चंडीगढ़ के लिए एक बस भारी सुरक्षा के बीच चलाई गई, लेकिन आगे इसे बढ़ोपट्टी टोल प्लाजा पर ही रोक दिया गया। वहां ड्राइवर ओर परिचालक बस छोड़ गए। वहां यूनियन के कर्मचारी नेता बस की चाबी लेकर चले गए। बाद में बस को ठीक करवाकर साइड में लगाया गया। सवारियों को वहां से प्राइवेट वाहनों में आगे जाना पड़ा। दूसरी बस हांसी डिपो की थी। जिसे दिल्ली के लिए चलाया गया था। टोल तक पुलिस साथ थी। उसके बाद ड्राइवर ने हांसी डिपो में बस रोक दी। हिसार-दिल्‍ली रूट पर निजी बसें चल रही हैं। हिसार-चंडीगढ़ रुट पर कोई वाहन नहीं चलने से परेशानी आ रही है।

फतेहाबाद में भी रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर हैं। यहां से भी कोई बस नहीं चल रही है। यहां बस स्‍टैंड पर भारी पुलिस बल तैनात है। सिरसा में भी ऐसा ही हाल है। भिवानी में भी बसें नहीं चलने से यात्री परेशा हैं। राडवेज के जीएम सतीश कुमार ने तुरंत प्रभाव से दो कंडक्टर को निलंबित कर दिया।

अंबाला में भी हरियाणा रोडवेज की बसें नहीं चलने से यात्री परेशान हैं। सबसे अधिक दिक्‍कत दैनिक यात्रियों और विद्यार्थियों को हो रही है। कैथल और जींद में भी बसें नहीं चल रही हैं। बस स्‍टैंडाें पर हड़ताली कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत में भी राेडवेज के कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

उधर, झज्जर में हड़ताल का असर नहीं है। यहां से विभिन्‍न बसें चल रही हैं। रोडवेज अधिकारियों का दावा है कि यहां से 53 बसें विभिन्न रूटों पर रवाना हुई हैं। झज्‍जर बस स्‍टैंड पर पुलिस तैनात है। नायब तहसीलदार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया है। कई अन्‍य जगहों पर भी बसों के चलने की सूचनाएं मिल रही हैं।

झज्‍जर बस स्‍टैंड पर खड़ी बसें।

विगत 5 सितंबर को एस्मा (आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून) और कर्मचारी यूनियनों की गुटबाजी का फायदा उठाकर बलपूर्वक हड़ताल को विफल करने वाली प्रदेश सरकार ने इस बार प्रोबेशन पीरियड पर चल रहे चालक-परिचालकों के सहारे बसों के संचालक की रणनीति बनाई, लेकिन यह ज्‍यादा सफल होती नहीं दिख रही है। सरकार ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर हैं और हड़ताल में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी गई है।

हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने 22 सितंबर से ही 16 व 17 अक्टूबर को हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रखी थी। इस बार हड़ताल में दो बड़ी कर्मचारी यूनियनें हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ और रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित हरियाणा कर्मचारी महासंघ भी शामिल हो गई हैं। इनकी मदद से सरकार ने पिछली बार बसों को चलवाने में सफलता पाई थी।

हिसार बस स्‍टैंड पर कर्मचारियों को समझाते अधिकारी।

कर्मचारी यूनियनों के एक होने के कारण साेमवार शाम को ही जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश व चंडीगढ़ को जाने वाली बसें डिपोंं में खड़ी हो गईं।
तालमेल कमेटी के पदाधिकारियों वीरेंद्र धनखड़ व सरबत सिंह पूनिया ने कहा कि एक भी बस सड़क पर नहीं उतरी है। सरकार ने वादाखिलाफी की है। पानीपत में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार के घेराव के दौरान सरकार ने वार्ता के लिए बुलाने की बात कही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हड़ताल न करने के लिए हाईकोर्ट में अंडरटेकिंग पर कर्मचारी ने दावा किया कि पिछले साल निजी बसों को परमिट पर विवाद के दौरान यह अंडरटेकिंग दी गई थी। उन्होंने कहा कि फिलहाल हड़ताल दो दिन की होगी। अगर सरकार ने किसी कर्मचारी पर एक्शन लिया तो इसे अनिश्चितकाल के लिए बढ़ाया जा सकता है।

अंबाला बस स्‍टैंड पर परेशान यात्री।

हड़ताल की यह है वजह

कर्मचारी यूनियनों के विरोध के बावजूद परिवहन विभाग ने किलोमीटर स्कीम के तहत निजी बसों को कांट्रेक्ट पर चलाने के लिए समझौता कर लिया है। मुख्यमंत्री भी साफ कर चुके हैं कि परिवहन सेवाओं को सुधारने के लिए सरकार अपने फैसले से पीछे हटने वाली नहीं। रोडवेज कर्मचारियों की बाकी सभी 24 मांगें मान ली गई हैं। वहीं तालमेल कमेटी का कहना है कि सरकार चाहे तो दूसरी मांगों को फिलहाल न माने, लेकिन रोडवेज में निजी बसों को शामिल करने का फैसला वापस ले।

बस अड्डों पर धारा-144 लगा तैनात की पुलिस फोर्स

सभी रोडवेज डिपो में धारा-144 लागू कर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। बसें चलवाने में रोडवेज महाप्रबंधकों की मदद के लिए एसडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट को उतारा गया है।

नहीं चलेगी ब्लैकमेलिंग : परिवहन सचिव

परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव धनपत सिंह ने कहा कि हड़ताल के नाम पर ब्लैकमेलिंग नहीं चलेगी। वर्ष 2016 और इस साल भर्ती चालक-परिचालक हड़ताल में शामिल हुए तो बगैर नोटिस दिए सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी। सभी डिपो पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात है और वीडियोग्राफी कराते हुए बसों को हर हाल में चलाया जाएगा। उन्होंने कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल नहीं होने की अपील की।

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